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अस्पतालों में ठप है फायर फाइटिंग सिस्टम का काम

जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजधानी के कई बडे़ अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम का काम अधूरा है। आठ से

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 01:00 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 01:00 AM (IST)
अस्पतालों में ठप है फायर  फाइटिंग सिस्टम का काम
अस्पतालों में ठप है फायर फाइटिंग सिस्टम का काम

जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजधानी के कई बडे़ अस्पतालों में फायर फाइटिंग सिस्टम का काम अधूरा है। आठ से दस हजार की ओपीडी वाले बलरामपुर अस्पताल में वाटर हाइड्रेंट सिस्टम काम ही नहीं कर रहा है। वहीं 410 बेड के सिविल अस्पताल में भी अभी तक फायर फाइटिंग के नाम पर आग से सुरक्षा केवल फायर इस्टिंग्यिूशर के भरोसे ही है।

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एक्सटेंशन के लिए रुका है काम

बलरामपुर जिला अस्पताल के पूरे कैंपस में वाटर हाइड्रेंट सिस्टम लगाया जाना था। बावजूद इसके वर्ष 2000 और वर्ष 2003 में आधे अस्पताल कौ ही में फायर फाइटिंग सिस्टम से लैस किया गया। वहीं ओल्ड ओपीडी और आइपीडी में भी उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की ओर से हाइड्रेंट सिस्टम का काम पूरा नहीं हुआ। इसमें कई जगह एक्सटेंशन किया जाना है, लेकिन यूपीआरएनएन की ओर से अभी तक सिस्टम को हैंड ओवर नहीं किया गया। जिसकी वजह से इस बिल्डिंग का काम अभी तक अधूरा है। इस संबंध में अस्पताल के निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी ने बताया कि न्यू ओपीडी ब्लॉक और कई जगह काम पूरा हो चुका है, लेकिन ओल्ड वार्ड का काम अभी तक हैंड ओवर नहीं हुआ है। इसके लिए रिमाइंडर भेजा गया है।

सिविल में भी भेजा गया प्रस्ताव

410 वार्ड वाले सिविल अस्पताल में अभी तक फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं बना है। प्रस्ताव में पुराने से लेकर नये वार्ड और ओपीडी एरिया में वाटर हाइड्रेंट सिस्टम बनाया जाना है। इसके अलावा ओटी और वार्ड में स्मोक डिटेक्टर और फायर अलार्म आदि भी लगाए जाने हैं। इसके लिए 3,33 करोड़ का प्रस्ताव शासन भेजा गया है।

साल भर से रुका हुआ है काम

अवंतीबाई महिला अस्पताल में लगभग एक साल से वाटर हाइड्रेंट सिस्टम का काम बाधित है। अभी तक वाटर टैंक का काम हो चुका है लेकिन सभी जगह पाइप नहीं लगे हैं। केवल फायर इस्टिंग्यिूशर ही काम कर रहे हैं। अस्पताल की सीएमएस डॉ. साधना सक्सेना ने बताया कि कई बार यूपीआरएनएन को पत्र भेजा जा चुका है लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है।

रेडक्रॉस सीएचसी में नहीं है रैंप

राजधानी के रेडक्रॉस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फायर एक्जिट के नाम पर केवल सीढि़यां हैं। द्वितीय तल पर स्थित वार्ड में जाने के लिए वहां केवल सीढ़ी और लिफ्ट है। नगरीय सीएचसी में फायर इस्टिंग्यिूशर की रिफिलिंग भी नहीं कराई गई है। सीएमओ डॉ.जीएस बाजपेई ने बताया कि सभी सीएचसी को अलर्ट किया गया है। कमी पर फायर इस्टिंग्यिूशर खरीदने के आदेश दे दिये गये हैं। इसके अलावा सीएचसी में भी मॉक ड्रिल करवाई जाएगी।


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