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आठ माह बाद भी नहीं मिला इलाज

फोटो है -आठ माह पहले मोतियाबिंद के ऑपरेशन में गई थी आंख की रोशनी -डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिवि

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jul 2017 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jul 2017 08:38 PM (IST)
आठ माह बाद भी नहीं मिला इलाज
आठ माह बाद भी नहीं मिला इलाज

फोटो है

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-आठ माह पहले मोतियाबिंद के ऑपरेशन में गई थी आंख की रोशनी

-डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल का मामला

जागरण संवाददाता, लखनऊ : डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से आंख की रोशनी खो देने वाले रामदेव को आठ माह बाद भी इलाज नहीं मिल पाया। मोतियाबिंद के ऑपरेशन में आंख की रोशनी खो देने के बाद कई जगह इलाज के लिए गुहार लगाने के बावजूद उसे इंसाफ नहीं मिला।

कानपुर के कन्हैया नगर निवासी 46 वर्षीय रामदेव शर्मा का 18 नवंबर 2016 को दायीं आंख का ऑपरेशन हुआ था। रामदेव ने आरोप लगाया कि उसका इलाज नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.आरसी गोपाल कर रहे थे। 17 नवंबर को भर्ती हुए, 18 को उनका ऑपरेशन हुआ था और दूसरे दिन उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद जब उनकी आंख खोली गई तो उन्हें कुछ नजर नहीं आ रहा था। ऑपरेशन में 3500 रुपये का खर्च भी आया था। वहीं मामले की अस्पताल प्रशासन से लेकर डीएम तक दो बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इलाज नहीं मिला। रामदेव ने बताया कि आंख में रोशनी नहीं आने की वजह से नौकरी भी छूट गई और बच्चों का स्कूल भी छूट गया। उन्हें अपनी आंखों की रोशनी वापस चाहिए। वहीं इस संबंध में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आशुतोष दुबे ने बताया कि मरीज की आंख की रोशनी चले जाने के संबंध में अस्पताल ने जांच कमेटी गठित की थी, लेकिन मरीज आया नहीं, जिसकी वजह से उसे इलाज भी नहीं मिल पाया।


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