इलाज में लापरवाही के चलते अधेड़ की थम गई सांसें
जागरण संवाददाता, लखनऊ : केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में सोमवार को गंभीर हालत में आए एक मरीज को डॉक्टर इधर-
जागरण संवाददाता, लखनऊ : केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में सोमवार को गंभीर हालत में आए एक मरीज को डॉक्टर इधर-उधर भटकाते रहे। ऐसे में समय पर इलाज न मिलने से चार घंटे में व्यक्ति की मौत हो गई।
मोहान निवासी विश्राम (50) रविवार रात खाना खाकर सो गए। वहीं बेटी सीमा सुबह जगाने गई तो उनके मुंह से झाग निकल रहा था। पिता को बेसुध देखकर वह पास के ही निजी डॉक्टर के पास पहुंची। जहां प्वाइजनिंग की आशंका जताकर ट्रॉमा सेंटर ले जाने की सलाह दी गई। पिता को लेकर सीमा करीब साढ़े नौ बजे ट्रॉमा सेंटर पहुंची। यहां उसे इधर-उधर दौड़ाया जाता रहा। डेढ़ बजे अधेड़ की सांसें थम गई। सीमा का कहना था कि ट्रॉमा के डॉक्टर इलाज करने के बजाय ओपीडी व दूसरी जगह ले जाने की सलाह देते रहे। ऐसे में पिता की हालत बिगड़ी गई और उन्होंने दम तोड़ दिया।
वाहन का घंटों किया इंतजार
पिता की मौत से परेशान सीमा की मुश्किलें यहीं कम नहीं हुई। उसे घंटों शव वाहन नही मिला। चार बजे तक वह गाड़ी आने का इंतजार करती रही।
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ट्रॉमा सेंटर में हर गंभीर मरीज को इलाज मुहैया कराने का प्रयास किया जाता है। डॉक्टरों को इसके लिए सख्त निर्देश भी जारी किए गए हैं। फिलहाल इस घटना के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।
प्रो. हैदर अब्बास, इंचार्ज, ट्रॉमा सेंटर