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पूर्व सैनिक बनेंगे उद्यमी, मदद करेगी सरकार

निशांत यादव लखनऊ : हथियार लेकर जीवन भर मातृभूमि की रक्षा करने वाले पूर्व सैनिक अब उद्यमी के रूप म

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Jun 2017 06:55 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2017 06:55 PM (IST)
पूर्व सैनिक बनेंगे उद्यमी, मदद करेगी सरकार

निशांत यादव लखनऊ :

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हथियार लेकर जीवन भर मातृभूमि की रक्षा करने वाले पूर्व सैनिक अब उद्यमी के रूप में भी अपना कौशल दिखाएंगे। इन्हें अब आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी है। इन पूर्व सैनिकों को महाराष्ट्र की तर्ज पर उद्यम लगाने में सैनिक कल्याण विभाग मदद करेगा। उद्यम लगाने के लिए इन्हें जमीन और भवन सहित आधारभूत ढांचा सैनिक कल्याण विभाग मुहैया कराएगा। केंद्र सरकार भी मदद करेगी। प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सैनिक कल्याण अनिल राजभर ने पूर्व सैनिक कल्याण निगम को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। जिसे लेकर वह अगले सप्ताह केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम मंत्री कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे।

उप्र में पूर्व सैनिकों की संख्या 2.70 लाख से अधिक है। सबसे अधिक पूर्व सैनिक पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं। सेना में सबसे ज्यादा 20 प्रतिशत जवानों की भागीदारी वाले उत्तर प्रदेश में फिलहाल सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सैनिकों को दोबारा रोजगार के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। उप्र पूर्व सैनिक कल्याण निगम करीब 18 हजार पूर्व सैनिकों को विभिन्न उपक्रमों पर दोबारा गार्ड की नौकरी प्रदान करता है। हालांकि इसके बदले पूर्व सैनिकों को केवल 10 से 12 हजार रुपये प्रतिमाह ही मिलते हैं। ऐसे में 40 से 42 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति के बाद पूर्व सैनिकों के सामने बच्चों की पढ़ाई, शादी और घर बनाने जैसी बड़ी जिम्मेदारी रह जाती है।

महाराष्ट्र की तर्ज पर प्रदान की जाएंगी सुविधाएं

पूर्व सैनिकों को स्वावलंबी बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार बेहतर काम कर रही है। पुणे के पास राज्य सरकार ने पूर्व सैनिकों को जमीन मुहैया कराई है। वहां उनको उद्यम लगाने के लिए ट्रांसपोर्ट जैसी सुविधाएं भी मुहैया कराई गई हैं। पूर्व सैनिकों को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण देकर उनका उद्यम शुरू कराने में सरकार मदद कर रही है। पिछले सप्ताह प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सैनिक कल्याण अनिल राजभर ने उप्र पूर्व सैनिक कल्याण निगम के वरिष्ठ अफसरों के साथ पुणे का दौरा कर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया था। अब राज्यमंत्री के निर्देश पर निगम प्रदेश के हर हिस्से का अध्ययन करेगा, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उन क्षेत्रों में किस तरह के उद्यम लगाए जा सकते हैं।


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