संपादित ::: फ्लैट की करा लें रजिस्ट्री नहीं तो होगी मुश्किल
जागरण संवाददाता, लखनऊ : बिना रजिस्ट्री इस्तेमाल हो रहे फ्लैट और कामर्शियल भवन मालिक परेशानी में फंस
जागरण संवाददाता, लखनऊ : बिना रजिस्ट्री इस्तेमाल हो रहे फ्लैट और कामर्शियल भवन मालिक परेशानी में फंस सकते हैं। निबंधन विभाग ने ऐसे भवनों का सर्वे शुरू कर दिया है जो बिना बैनामे के इस्तेमाल किए जा रहे हैं। स्टांप शुल्क से बचने वाले ऐसे बिल्डरों को जल्द ही बैनामा कराने को नोटिस जारी किया जाएगा।
राजधानी में बीते कुछ सालों में तेजी के साथ निजी बिल्डर और रियल स्टेट कंपनियों ने हजारों फ्लैट और व्यवसायिक भवन बना डाले। बावजूद इसके निबंधन विभाग में रजिस्ट्रिी की संख्या नहीं बढ़ी। पड़ताल हुई तो पता चला कि एक साल में रजिस्ट्रिी का आंकड़ा एक लाख से घटकर 70 हजार ही रह गया है। इसकी वजह से निबंधन विभाग के वार्षिक लक्ष्य में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आयी है।
आइजी निबंधन ओपी सिंह के मुताबिक विभाग के इसके आंकड़े जुटाए। पता चला कि शहर में तमाम अपार्टमेंट में फ्लैट और कार्यालय बिना बिना रजिस्ट्री कराए ही इस्तेमाल हो रहे हैं। ऐसा स्टांप शुल्क से बचने के लिए किया जा रहा है। विभाग ने इसके लिए बिल्डरों और रियल स्टेट कंपनियों द्वारा बिना रजिस्ट्री के इस्तेमाल हो रहे फ्लैट और व्यवसायिक भवनों का सर्वे शुरू करा दिया है। जो भी इस तरह की संपत्तियां मिलेंगी, उनको नोटिस जारी कर तय समय में बैनामा करने को कहा जाएगा। इसके बाद भी बैनामा न कराने पर उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
डिजिटाइजेशन ने पकड़ी रफ्तार
निबंधन विभाग सभी रजिस्ट्रिी काडिजीटाइजेशन कर रहा है। 1990 के बाद की सभी रजिस्ट्रिी की स्कैनिंग और इंडेक्सिंग कराई जा रही है। करीब सात लाख रजिस्ट्रिी के इंडेक्स का काम पूरा हो चुका है।