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दिव्यांगों के लिए बनेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय : प्रकाश जावडेकर

लखनऊ : देश में दिव्यांगों की शिक्षा के लिए एक विशेष केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। यह विचार

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 12:44 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 12:44 AM (IST)
दिव्यांगों के लिए बनेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय : प्रकाश जावडेकर
दिव्यांगों के लिए बनेगा केंद्रीय विश्वविद्यालय : प्रकाश जावडेकर

लखनऊ :

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देश में दिव्यांगों की शिक्षा के लिए एक विशेष केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। यह विचार केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने व्यक्त किया। वह सोमवार को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। दीक्षांत समारोह में 436 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई और 37 मेधावियों को 53 मेडल दिए गए। प्रतिष्ठित चांसलर गोल्ड मेडल सहित तीन गोल्ड मेडल बीए की छात्रा रंजना राव को दिया गया। वहीं एमए ¨हदी के छात्र मोहम्मद अकरम ने सर्वाधिक छह मेडल हासिल किए हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि विश्वविद्यालय में ब्रेल प्रेस खोलने में वह आर्थिक मदद देंगे। दिव्यांगो के लिए स्कॉलरशिप के साथ-साथ हर शिक्षण संस्थान में ईक्वल अपा‌र्च्यूनिटी सेल स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा देने से बड़ा कोई काम नहीं है। इस विश्वविद्यालय में जिस तरह दिव्यांग विद्यार्थियों के साथ सामान्य विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है, वह अनूठा है। कहा कि शिक्षा जिंदगी जीने का संबल देती है।

कार्यक्रम में विभिन्न संकायों व विभागों के मेधावियों को राज्यपाल राम नाईक ने मेडल व डिग्री दी। मंच पर लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह भी बतौर अतिथि उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में आइआइएम लखनऊ के निदेशक डॉ. अजीत प्रसाद, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक, लविवि के पूर्व कुलपति प्रो. आरपी सिंह, मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार आलोक रंजन और डॉ. शकुंतला मिश्रा जिनके नाम पर यह विश्वविद्यालय बनाया गया है उनके पौत्र कपिल मिश्रा भी मौजूद रहे।

प्रामाणिकता व मेहनत से करें काम तभी होंगे कामयाब : राम नाईक

दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि प्रामाणिकता व मेहनत से काम करने पर ही सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि डिग्री पाने के बाद भले ही आपकी किताबी शिक्षा खत्म हो गई हो, लेकिन ज्ञानार्जन करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि मेडल लिस्ट देखें तो सर्वाधिक पदक छात्राओं के खाते में गए हैं। 53 मेडल 37 मेधावियों को मिले हैं और इसमें 28 छात्राएं हैं, सिर्फ नौ छात्र हैं। महिला सशक्तीकरण की यहां अनूठी मिसाल देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि डिग्री कुल 436 मेधावियों को मिली है। इसमें से 203 छात्र और 233 छात्राएं हैं। यहां भी छात्राएं 53 प्रतिशत व छात्र 47 प्रतिशत हैं।

दिव्यांगों को सशक्त बनाने पर जोर : ओम प्रकाश राजभर

दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में कैंप लगाकर दिव्यांगों को निश्शुल्क उपकरण बांटे जाएंगे। वहीं डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास यूनिवर्सिटी में दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास व नवाचार केंद्र खोला जाए। इसमें राज्य सरकार पूरी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि देश में कुल आबादी का 2.21 प्रतिशत दिव्यांगजन हैं और यूपी में आबादी के अनुसार 2.08 प्रतिशत हैं। इसमें 52.11 प्रतिशत साक्षर हैं। कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगों को सशक्त बनाने पर जोर दे रही है। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के खाली पदों को जल्द भरा जाएगा। नौकरियों में दिव्यांगों का कोटा चार प्रतिशत से बढ़ाकर अब पांच प्रतिशत हो गया है। शिक्षण संस्थानों में अब पांच प्रतिशत सीटें दिव्यांगों के लिए होंगी। रोजगार दिलाने के लिए ऋण, सभी एटीएम को दिव्यांगजनों के लिए फ्रेंडली बनाना, पेंशन बढ़ाकर 500 रुपये किया जाना और कुष्ठरोगियों के लिए हेल्पलाइन नंबर बनाकर उन्हें आश्रम में उपचार के लिए रखना व उनके बच्चों को आश्रम पद्धति विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था होगी।

डॉ. शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी देगी दूरस्थ शिक्षा भी : प्रो. निशीथ राय

कुलपति प्रो. निशीथ राय ने बताया कि यूनिवर्सिटी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी अब दिव्यांगों को विशेष शिक्षा देगी। वहीं विशेष शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जरूरी मदद मिलने का उन्होंने भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अब नए सत्र में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नार्थ इंडिया का पहला डेफ कॉलेज यहां खोला गया है, इसमें बीवोक कोर्स चलाए जाएंगे। वहीं साइन लैंग्वेज सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षकों की भर्ती भी होगी। सेंटर फॉर डेफ स्टडीज में डिप्लोमा कोर्स चलेंगे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटीज के कुलपति जिस तरह हर महीने राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट देते हैं वैसे ही केंद्रीय यूनिवर्सिटी भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय को रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि अब नए कानून के पास होने पर दिव्यांगता की 21 श्रेणियां हो गई हैं, ऐसे में अब दिव्यांगों का दोबारा सर्वे करवाया जाना चाहिए।

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तीन वजहों से मुझे यहां आने में हुई खुशी

कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि देश में 800 यूनिवर्सिटी हैं और वह सभी के दीक्षांत में नहीं जा सकते। वह ऐसी यूनिवर्सिटी जो स्पेशल काम कर रही हैं, वहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यहां तीन वजहों से उन्हें आने में खुशी हुई। पहला ब्रिटिश गाउन की जगह दीक्षांत ड्रेस पारंपरिक भारतीय परिधान में है, दूसरा यहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर प्रेक्षागृह बनाया गया और तीसरा सांकेतिक भाषा में मैंने राष्ट्रगान व कुलगीत होते मैंने पहली बार देखा।

आपने सब आज ही छपवा दिया, अब कौन छापेगा

कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने दीक्षांत समारोह की पूर्व संध्या पर हुई मीडिया कवरेज का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि वह आज सुबह समाचार पत्र देख रहे थे तो अपनी पत्‍‌नी से बोले, देखो आज ही बहुत कुछ छप गया। अब बचा क्या है? दीक्षांत समारोह में मेरा भाषण कौन सुनेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर जाना जाएगा ऑडिटोरियम

कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर लोकार्पण किया गया और ई-मैग्जीन दिव्यांग का विमोचन किया गया। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने उन्हें कैंसर होने पर बड़ा संबल दिया था।


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