अमीर खुसरो के ख्यालात समाज का आईना हैं
लखनऊ : जज्बाती शायर हजरत अमीर खुसरो का संगीत में अहम योगदान रहा। लेखनी में अमीर के ख्यालात समाज का आ
लखनऊ : जज्बाती शायर हजरत अमीर खुसरो का संगीत में अहम योगदान रहा। लेखनी में अमीर के ख्यालात समाज का आईना हैं। यह बातें महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा ने रविवार को कहीं।
वह विश्व पुस्तक दिवस पर आयोजित हजरत अमीर खुसरो की याद में हुए 'ख्याल' सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं। डॉ. खुर्शीद जहा सोसाइटी की ओर से राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह के जयशंकर सभागार में आयोजित कार्यक्रम कैसर-ए-¨हद मुंशी नवल किशोर को समर्पित रहा। कैबिनेट मंत्री ने अमीर खुसरो की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए उनको ¨हदुस्तान का तोता कहा। मुंशी नवल किशोर के बारे में बताते हुए डॉ. रीता बहुगुणा ने कहा कि उन्होंने कई भाषाओं की किताबें लिखीं। उनकी किताबें ईरान में बदलाव का प्रतीक बनी। सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड योजना आयोग के सदस्य प्रो. तनवीर चिश्ती ने कहा कि अमीर खुसरो की रचनाएं इंसानी तहजीब की एक मिसाल हैं। भविष्य में न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में खुसरो की परंपरा का परचम बुलंद होगा। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो. अजर्मी दुख्त साफ्वी ने कहा कि खुसरो का दौर हिंदवी था, न कि हिंदी का। मौजूदा समय में लोग उनकी रचनाओं की पहचान तक नहीं कर पा रहे। उनकी लिखी शायरी को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। पूर्व विधायक प्रो. खान मोहम्मद आतिफ ने कहा कि खुसरो ने जब आख खोली तो हिंदू मुस्लिम एक साथ रहना सीख चुके थे। खुसरो ही वह पहले इंसान थे जिन्होंने भारत को जन्नत कहा था। उन्होंने सरकार से अमीर खुसरो व मुंशी नवल किशोर के योगदान को लोगों तक पहुंचाने की अपील की। इस मौके पर राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मानी, नवाब जाफर मीर अब्दुल्ला, पूर्व विधायक चंद्रशेखर त्रिवेदी सहित कई लोग उपस्थित रहे।