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किताब के शौकीनों को अब स्मार्ट कार्ड

लखनऊ : लाइब्रेरी के प्रति रुझान बढे़ इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही पाठकों के लिए स्मार्ट कार्ड लांच

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 08:01 PM (IST)
किताब के शौकीनों को अब स्मार्ट कार्ड
किताब के शौकीनों को अब स्मार्ट कार्ड

लखनऊ : लाइब्रेरी के प्रति रुझान बढे़ इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही पाठकों के लिए स्मार्ट कार्ड लांच करने जा रही है। लाइब्रेरी कार्ड की तरह इस कार्ड से कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी कोने से पुस्तक पढ़ सकेगा। शुरुआत में यह कार्ड निश्शुल्क बांटे जाएंगे। डिजिटल इंडिया की परिकल्पना डिजिटल लाइब्रेरी के बिना नहीं की जा सकती है। यह जानकारी विशेष कार्याधिकारी (पुस्तकालय) उत्तर प्रदेश शासन, डॉ. मृदुला पंडित ने अमीरूद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी में अंतरराष्ट्रीय पुस्तक दिवस पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में दी।

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डॉ.पंडित ने बताया कि उत्तर प्रदेश डिजिटल पब्लिक लाइब्रेरी के पहले स्टेप में सेंट्रल हब बनाया जाएगा, दूसरे स्टेप में जिलों के पुस्तकालयों को जोड़ा गया। वहीं तीसरे स्टेप में ब्लॉक स्तर तक को जोड़ा, जिससे गांव-गांव तक लोगों को किताबें पढ़ने को मिलेंगी।

केंद्र सरकार की योजना में बनेंगे पांच हजार स्मार्ट कार्ड

डॉ.पंडित ने बताया कि केंद्र सरकार की ई-पुस्तक योजना में देश के पांच हजार लोगों को स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे, जिसके जरिए व्यक्ति देश के किसी भी कोने से 10 लाख से ज्यादा किताबों की जानकारी हासिल कर सकता है। इसके अलावा मोबाइल एप और ई-पुस्तक पोर्टल भी जल्द ही लांच किया जाएगा।

घर बैठे ले सकते हैं पुस्तकों की जानकारी

एनआइसी के वैज्ञानिक अरविंद मिश्रा ने बताया कि ई-ग्रंथालय में प्रदेश की 75 लाइब्रेरियों को जोड़ा गया है। इसमें किताबों की बिबियोग्राफिक डिटेल होती है। इसमें किताबों का टाइटल, लेखक, लाइब्रेरी आदि की जानकारी होती है। इसके द्वारा लाइब्रेरी के सदस्य घर बैठे यह भी देख सकते हैं कि कौनसी बुक किस शेल्फ में रखी है। साथ ही यह भी पता चल सकता है कि बुक पढ़ने के लिए मौजूद है या नहीं।

ऑफलाइन भी लोड हो रही है किताबें

अरविंद मिश्रा ने बताया कि ई-ग्रंथालय उन क्षेत्रों में भी काम कर रहा है जहां इंटरनेट नेटवर्क नहीं है। इसमें यह सभी लाइब्रेरी ऑफलाइन मोड पर अपनी पुस्तकों को लोड कर रही हैं। सभी किताबें लोड होने के बाद हम उसे ई-ग्रंथालय से जोड़ लेंगे।

पांडुलिपियों और दुर्लभ किताबों का भी हो रहा है संरक्षण

अरविंद मिश्रा ने बताया कि लगभग 4000 से ज्यादा दुर्लभ किताबों को स्कैन करके रखा जा चुका है। इसे जल्द ही ग्रंथालय में डाला जाएगा। वहीं कई ऐसी पुस्तकें जो कि लाइब्रेरी में मौजूद नहीं हैं उन्हें भी एजेंसी के द्वारा खरीद कर लोगों को ऑनलाइन मुहैया कराई जाएंगी।

अमीरूद्दौला लाइब्रेरी बनेगी हब एंड स्पोक मॉडल

डॉ.मृदुला ने बताया कि अमीरूद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी जल्द ही हब एंड स्पोक मॉडल बनने वाली है। इससे प्रदेश की चार लाइब्रेरी जोड़ी जाएगी, जो कि रायबरेली, इटावा, इलाहाबाद और उन्नाव में हैं। ई-लाइब्रेरी में दिव्यांगों को निश्शुल्क ऑडियो बुक मिलेगी। कार्यशाला के मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव क्षत्रुंजय कुमार सिंह रहे। इसकेअलावा सेवानिवृत्त मंडलीय निदेशक केंद्रीय ¨हदी संस्थान डॉ.रश्मि दीक्षित, केंद्रीय राज्य पुस्तकालय इलाहाबाद से रवि यादव, गाजियाबाद से गीता रानी, गोंडा से संजय कुमार साह और अमीरूद्दौला पब्लिक लाईब्रेरी की पुस्तकालयाध्यक्ष शशिकला समेत कई लोग मौजूद रहे।


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