महत्वपूर्ण और अनापेक्षित निर्णय था नोटबंदी
लखनऊ: नोटबंदी पर मेरी भी पहली प्रतिक्रिया थी कि पीड़ा हुई। मगर यह पीड़ा प्रसव पीड़ा की तरह थी। बेटा या
लखनऊ: नोटबंदी पर मेरी भी पहली प्रतिक्रिया थी कि पीड़ा हुई। मगर यह पीड़ा प्रसव पीड़ा की तरह थी। बेटा या बेटी होने पर जैसी सुखद अनुभूति होती है। ठीक वैसा ही नोटबंदी के बाद धीरे-धीरे आई स्थित से महसूस हुआ। यह कहना था राज्यपाल रामनाईक का। रविवार को गोमती नगर स्थित संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में बैंक ऑफ इंडिया आफिसर्स एसोसिएशन का त्रिवार्षिक डेलीगेट सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे राज्यपाल रामनाईक ने नोटबंदी को एक महत्वपूर्ण, ऊंचाई व अनापेक्षित तरीके से लिया गया निर्णय बताया। नोटबंदी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिक्रियाएं सामने आई। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को हुई नोटबंदी आजादी के बाद लिया गया सबसे ऊंचा निर्णय है। लोगों के पास कालाधन और करोड़ों की संपत्ति निकलने का दौर अभी चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक क्षेत्र में विशेषकर बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन हुआ है। एसोसिएशन द्वारा 35 साल बाद आयोजित किए गए अधिवेशन पर उन्होंने कहा कि इतने सालों में शाखा, अधिकारी, कर्मचारियों व खाताधारकों की संख्या में भी बड़ा परिवर्तन हुआ होगा। 2014 के बाद देश में आर्थिक विकास में बड़ा परिवर्तन आया है। आज देश में नीति आयोग काम कर रहा है। ऐसे में आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन आ रहा है। भारत के लोग पिछड़े हैं, यहां के लोग काम नहीं करते हैं.. दुनिया में ऐसी चर्चाएं हुआ करतीं थीं। मगर दुनिया भर के लोगों ने हमारी संस्कृति को अपनाकर 21 जून को योग दिवस के रूप में घोषित किया। ऐसे में जो अधिकारी तनाव में काम करते हैं वह सुबह 15-20 मिनट योग करके काम की शुरुआत करें। उन्हें रात में नींद की गोली लेकर नहीं सोना पड़ेगा। कहा, अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों में बैंकिंग क्षेत्र महत्वपूर्ण आयाम है। उन्होंने बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों को बैंकिंग क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन व योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने की नसीहत दी। कहा जनधन योजना और नए बैंक खाते खोलने के कारण जो पैसा बैंकों तक आया वह हर किसी के लिए लाभकारी होगा। बैग, साड़ी और घर में पड़ा पैसा बैंकों में आया है। इसका उद्देश्य जरूरत मंदों को धन उपलब्ध कराना है। अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। इसमें स्वयं का योगदान कैसा है, यह भी आंकलन करना चाहिए। उन्होंने एसोसिएशन को काम के साथ सीएसआर के जरिए मलिन बस्तियों में मेडिकल कैंप, रक्तदान शिविर आदि का आयोजन समय समय पर किए जाने की नसीहत दी।
राज्यपाल ने कहा कि बैंक कर्मियों की समस्याओं का निराकरण करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा यदि एसोसिएशन द्वारा समग्रता से समस्याओं को दिया जाता है तो उनके द्वारा वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के साथ बात की जाएगी। सम्मेलन का संचालन कर रहे फेडरेशन के उपमहासचिव दिलीप चौहान ने कहा कि बैंकों पर सामाजिक कार्यो एवं सरकारी नीतियों को लागू करने का दबाव होने के कारण अधिकारी सामान्य कार्य बेहतर ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को एनपीए रिकवरी पर ध्यान देना चाहिए। फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री हरविंदर सिंह ने बैंक कर्मियों के हितों पर ध्यान दिए जाने की मांग की। इस दौरान आंचलिक प्रबंधक एमएनए अंसारी, एम आर सेन गुप्ता, वी ईश्वरन, एके मोटायड, वी चिदंबरा कुमार, बीएन मधुसूदन, पीएस जडेजा, अनंत कुलकर्णी, संजय कुमार दास, अमीता शर्मा समेत तमाम बैंक अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।