Move to Jagran APP

जलदूत करेंगे गांव-गांव जल जागरण

लखनऊ वर्षा जल संचयन के प्रति जागरूकता के लिए अब गांव-गांव पाठशालाएं लगेंगी। यह पाठशाला लगाएंगे जलद

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Apr 2017 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 18 Apr 2017 09:13 PM (IST)
जलदूत करेंगे गांव-गांव जल जागरण
जलदूत करेंगे गांव-गांव जल जागरण

लखनऊ

loksabha election banner

वर्षा जल संचयन के प्रति जागरूकता के लिए अब गांव-गांव पाठशालाएं लगेंगी। यह पाठशाला लगाएंगे जलदूत। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) इसके लिए जिला स्तर पर अभियान चलाएगा। 12 जिलों के 5000 गांव चयनित कर वहां जलदूतों के माध्यम से जल संचयन के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस जल जागरण अभियान के लिए एक करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।

नाबार्ड द्वारा 22 मार्च को विश्व जल दिवस पर जल संचयन की दिशा में पहल की गई थी। इसी कड़ी में नाबार्ड ने उत्तराखंड और बिहार से विशेष प्रशिक्षण के लिए 30 मास्टर ट्रेनर्स को बुलाया है। इन्हें 19 और 20 अप्रैल को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर हर जनपद में 40 कृषि जलदूतों को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण में पोस्टर्स व लीफलेट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। जलदूतों की 20 टीम काम करेंगी। हर टीम में दो सदस्य रहेंगे। प्रत्येक टीम 25-25 गांव में मई और जून में जल जागरण का आयोजन करेंगे, ताकि एक जनपद के करीब 500 गांव को इस अभियान से जोड़ा जा सके। अभियान में स्थानीय बैंक शाखाएं, ब्लॉक स्तरीय कृषि विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे।

ऐसे होगा जलदूतों का चयन

नाबार्ड द्वारा जलदूतो का चयन नाबार्ड किसान क्लब, कृषि उत्पाद कंपनी के सदस्यों व स्वयं सहायता समूह के सक्रिय सदस्यों के बीच से किया जाएगा। इनमें महिलाओं की सदस्यता पर अधिक जोर दिया जाएगा।

क्रीडा ने चयन किए गांव

नाबार्ड द्वारा शुरू किए जा रहे जल जागरण अभियान के तहत गांवों का चयन केंद्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान (क्रीडा) द्वारा किया गया है। क्रीडा ने जलवायु जोखिम को ध्यान में रखकर जनपद का चयन किया है।

इन जिलों में चलेगा अभियान

नाबार्ड द्वारा जल जागरण के लिए ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, कौशांबी, मिर्जापुर, सोनभद्र, झांसी, बांदा, चित्रकूट, बहराइच और बस्ती को चुना गया है।

वर्जन

वर्षा जल हो या किसी अन्य माध्यम से मिला जल, उसकी कीमत हर किसी को समझनी होगी। किसानों के सामने पानी की समस्या बड़ी है। ऐसे में जल संचयन अत्यंत आवश्यक है। पहल को इसी सोच के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। जल जागरण अभियान किसान की आय दोगुनी करने में भी सहायक साबित होगा।

- एके पंडा, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.