सरकारी विभागों को रू फ टाप सोलर पावर के लिए सब्सिडी नहीं अवार्ड
- इंडस्ट्रियल व कमर्शियल छोड़ बाकी को मिलती रहेगी सब्सिडी जागरण संवाददाता, लखनऊ सरकारी विभागों क
- इंडस्ट्रियल व कमर्शियल छोड़ बाकी को मिलती रहेगी सब्सिडी
जागरण संवाददाता, लखनऊ
सरकारी विभागों को अब रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए अब सब्सिडी नहीं मिलेगी। हालांकि निजी व शैक्षिक संस्थानों आदि को अब भी 30 फीसद सब्सिडी का लाभ पूर्व के समान ही मिलता रहेगा।
बताते चलें कि केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रूफ टॉप सोलर पॉवर प्लांट ग्रिड कनेक्टेड के लिए 30 फीसद सब्सिडी देता है। यह सब्सिडी सभी सरकारी भवनों के साथ-साथ निजी भवनों को भी दी जाती थी। लेकिन अब केंद्र ने सरकारी भवनों को सब्सिडी दिए जाने पर रोक लगा दी है। दरअसल सरकारी भवन प्लांट लगाने के लिए सरकारी कोष से ही धन लेते थे। ऐसे में एक तरफ सरकारी कोष से उन्हें धन मुहैया कराया जाता था फिर सब्सिडी के रूप में दिया जाने वाला धन वापस सरकारी खजाने में पहुंच जाता था। इस अनावश्यक एक्सरसाइज को समाप्त करते हुए अब सरकारी भवनों में सब्सिडी ही खत्म कर दी गई है।
नेडा अधिकारी बताते हैं कि यह इसलिए किया गया है कि क्योंकि जब सरकार ही प्लांट की कीमत देती है और वहीं सब्सिडी भी देती है। ऐसे में इसका कोई मतलब नहीं रहता। हालांकि निजी आवास, शैक्षिक संस्थान, मेडिकल कालेज आदि को सब्सिडी का लाभ पूर्व की भांति ही मिलता रहेगा।
यही नहीं स्टेट नोडल एजेंसी, डिसकॉम जो कि नेट मीट¨रग करता है। उसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने 119 प्रकार के 5.24 करोड़ राशि के पुरस्कारों की घोषणा की है। खास बात यह है कि पुरस्कार वर्ष 2019-20 तक हर साल मिलेंगे। इसका मकसद लोगों को ज्यादा से ज्यादा सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
राजधानी में 70 फीसद सरकारी भवन बना रहे सौर ऊर्जा
राजधानी में केजीएमयू, लोहिया आयुर्विज्ञान अनुसंधान चिकित्सा संस्थान, लोहिया विधि विश्वविद्यालय, हाई कोर्ट, कलक्ट्रेट, चारबाग स्टेशन, बस स्टैंड परिवहन आदि ज्यादातर सरकारी भवनों में छतों पर लगे ग्रिड कनेक्टेड सोलर पॉवर प्लांट सूर्य की ऊर्जा से बिजली बना रहे हैं।