21 को नहीं, 20 को होगी नौरोज की नज्र
लखनऊ : होली की मस्ती का रंग हल्का होने के तुरंत बाद एक बार फिर अबीर-गुलाल की महक हवा में उड़ेगी। नौरो
लखनऊ : होली की मस्ती का रंग हल्का होने के तुरंत बाद एक बार फिर अबीर-गुलाल की महक हवा में उड़ेगी। नौरोज के दिन पुराने शहर में हर तरह रंगों की खुमारी छाई रहेगी। इसबार नौरोज का त्योहार 21 मार्च को मनाया जाएगा, जबकि नज्र एक दिन पहले होगी।
20 मार्च के दिन समुदाय अपने पहले इमाम हजरत अली अलेहिस्सलाम की नज्र दिलाएंगे। नज्र शाम ठीक 3:59 बजे होगी। हर साल नौरोज पर नजूमी (ज्योतिष) एक खास रंग निकालते हैं। इसबार नौरोज पर सफेद रंग निकला है। ऐसी मान्यता है कि इस रंग का असर एक साल तक रहता है। इस बार का रंग शांति का प्रतीक है। इसलिए 20 मार्च को सफेद रंग की मिठाई सहित अन्य खाने की वस्तुओं पर नज्र दिलाई जाएगी। जबकि रंग अगले दिन सुबह से कश्मीरी मुहल्ला, हसनपुरिया, बाजाज, शाहगंज, नूरबाड़ी, दरगाह रोड, बुनियादबाग व सरफराजगंज सहित अन्य शिया बाहुल्य इलाकों में रंग खेला जाएगा। नौरोज ही एक ऐसा त्योहार है जो इस्लामी माह के हिसाब से नहीं बल्कि ईसवीं वर्ष के अनुसार मनाया जाता है।
ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने बताया कि नौरोज के दिन ही नबी-ए-करीम ने हजरत अली अलेहिस्सलाम को अपना जानशीन बनाया था। इसी दिन जमीन पर सूरज की पहली किरण पड़ी थी और खाना-ए-काबा की बुनियाद रखी गई थी। नौरोज के दिन ही हजरत आदम को दुनिया में भेजा गया और इसी दिन दीन मुकम्मल हुआ।
जश्न-ए-जहरा 19 को, दस्तरख्वान 22 को
पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब बेटी जनाब-ए-फातिमा जहरा अलेहिस्सलाम की याद में 19 मार्च को जश्न-ए-जहरा मनाया जाएगा। सआदतगंज स्थित रौजा-ए-काजमैन में रात नौ बजे महफिल होगी। इदारा खद्दाम-ए-बतूल की ओर से आयोजित कुल ¨हद
महफिल-ए-मुकासिदा में देश के विभिन्न शहरों से लोग शामिल होंगे। मौलाना अब्बास इरशाद, मौलाना सैयद मुत्तकी जैदी, मौलाना गुलाम हुसैन सदफ व मौलाना सैयद सकलैन आब्दी सहित अन्य उलमा शहजादी की जिंदगी व कुर्बानियों पर रोशनी डालेंगे। 22 मार्च को हजरत इमाम हसन अलेहिस्सलाम का दस्तरख्वान सजाकर नज्र होगी। लोगों एक दूसरे के घर जाकर नज्र चखेंगे और मुबारकबाद देंगे।