कैसे जांची जाएगी कक्ष निरीक्षकों की योग्यता
लखनऊ : यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में कुछ दिन शेष हैं। कक्ष निरीक्षकों की तलाश का काम बाकी है। शिक्षा व
लखनऊ : यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में कुछ दिन शेष हैं। कक्ष निरीक्षकों की तलाश का काम बाकी है। शिक्षा विभाग ने नया प्रारूप जारी कर शिक्षकों का ब्योरा मांगा है। अब सवाल यह है कि क्या विद्यालयों द्वारा भेजा गया ब्योरा प्रमाणिक होगा? शिक्षकों की योग्यता की जांच क्या इतने कम समय में संभव है? अगर हां तो कैसे? ऐसे तमाम सवाल हर बार उठते रहे हैं। मगर इन सबके बावजूद शिक्षा विभाग में अंधेर बरकरार है।
इस बार इंटरमीडिएट व हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षाओं के लिए करीब पांच हजार कक्ष निरीक्षकों की जरूरत होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से अब जब सिर पर परीक्षाएं है तब शिक्षकों का ब्योरा विद्यालयों से मांगा गया है। विभाग ने अपनी गर्दन बचाने के लिए राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का 6 बिंदुओं पर ब्योरा मांगा है। इसमें शिक्षक का नाम, पदनाम, पिता का नाम, विद्यालय का नाम, विद्यालय में नियुक्ति की तिथि, शैक्षिक योग्यता का स्पष्ट विवरण जिसमें स्नातक और परास्नातक के विषय के साथ शिक्षक द्वारा वर्तमान में पढ़ाए जा रहे विषय का ब्योरा शामिल किया गया है। जिसे 26 फरवरी डीआइओएस कार्यालय में जमा करना होगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रांतीय संयोजक डॉ आरपी मिश्रा ने मामले पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि इतने कम समय में शिक्षकों की योग्यता जांचा जाना असंभव है। उनका कहना है कि केंद्र निर्धारण के दौरान ही कक्ष निरीक्षकों का ब्यौरा मांगा जाना चाहिए थे। जिससे समय रहते उनकी प्रमाणिकता का पता लगाया जा सकता था और फर्जी शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाए जाने से रोका जा सकता था। डॉ. मिश्रा का कहना है कि विद्यालय प्रबंधकों द्वारा जो भी ब्योरा दिया जाएगा। विभाग उसकी सत्यता कैसे जांचेगा। वहीं इस बावत जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी का कहना है कि हमारे पास पहले से ब्योरा तैयार है, उससे मिलान कर शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक की जिम्मेदारी दी जाएगी।