हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला पा सकेंगे आइआइएम छात्र
-अब प्रिंसटन (यूएसए), येल विश्वविद्यालयों से भी कर सकेंगे पीएचडी -बोर्ड ऑफ गवर्नेस में एलुमिनाई सद
-अब प्रिंसटन (यूएसए), येल विश्वविद्यालयों से भी कर सकेंगे पीएचडी
-बोर्ड ऑफ गवर्नेस में एलुमिनाई सदस्यों की बढ़ेगी संख्या
पुलक त्रिपाठी, लखनऊ: भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) के छात्रों को पढ़ाई के लिए अब विदेश में मायूस नहीं होना पड़ेगा। डिग्री हासिल करने के बाद वहां के विश्वविद्यालयों में पीएचडी समेत अन्य पाठ्यक्रमों में आसानी से दाखिला मिल सकेगा। इससे छात्रों को करियर ग्रोथ में काफी मदद मिलेगी।
आइआइएम द्वारा संचालित पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन मैनेजमेंट(पीजीडीएम) के स्थान पर छात्रों को डिग्री मुहैया कराए जाने को लेकर वर्षो से मांग की जा रही है। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस बहुप्रतीक्षित बिल को मंजूरी दे दी। इससे आइआइएम के छात्रों के लिए विदेश में आगे की पढ़ाई के लिए रास्ता आसान हो चला है। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) लखनऊ के निदेशक डा अजीत प्रसाद ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए छात्रहित में बड़ा कदम बताया। उन्होंने बताया कि चूंकि आइआइएम द्वारा अभी तक दो वर्षीय डिप्लोमा दिया जाता रहा है, जिससे विदेश स्थित विश्वविद्यालयों में दाखिले की चाह रखने वाले छात्रों को मायूस होना पड़ता था। डिग्री की व्यवस्था शुरू होने के बाद छात्रों को हॉर्वर्ड, प्रिंसटन (यूएसए), येल जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में दाखिला मिल सकेगा।
--------
हम भी दे सकेगे पीएचडी उपाधि
प्रो अजीत प्रसाद ने बताया कि यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो हम भी (आइआइएम) पीएचडी की उपाधि दे सकेंगे। अभी तक हमारे द्वारा फेलो प्रोग्राम सर्टिफिकेट दिया जाता रहा है।
-----------
कनवोकेशन में मिल सकती हैं उपाधि
आइआइएम लखनऊ के निदेशक प्रो अजीत प्रसाद का कहना है कि इस प्रस्ताव को अभी पार्लियामेंट से मंजूरी बाकी है। वहां से मंजूरी मिली तो संस्थान के मार्च में होने वाले कनवोकेशन में छात्रों को डिप्लोमा की जगह डिग्री से सम्मानित किया जाएगा।
-------------
बोर्ड ऑफ गवर्नेस में बढ़ सकती है एलुमिनाई संख्या
आइआइएम के बोर्ड ऑफ गवर्नेस में अभी तक एक एलुमिनाई सदस्य के रूप में रहता है। प्रो प्रसाद बताते हैं कि इस व्यवस्था के बाद बोर्ड में 5 एलुमिनाई सदस्यों को शामिल किया जा सकता है।