लैब व उपकरण बिना हो गया प्रैक्टिकल
फोटो-बिना उपकरण के लैब कैचवर्ड- हाल-ए-परीक्षा -छात्रों के भविष्य से खेल रहा शिक्षा विभाग -वर्ष
फोटो-बिना उपकरण के लैब
कैचवर्ड- हाल-ए-परीक्षा
-छात्रों के भविष्य से खेल रहा शिक्षा विभाग
-वर्षो से रामभरोसे हो रही प्रयोगात्मक परीक्षाएं
जागरण संवाददाता,लखनऊ : सबसे बड़ा बोर्ड कहे जाने वाले यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं बीते कई वर्षो से राम भरोसे संपन्न कराई जा रही हैं। इसकी बानगी राजधानी के राजकीय व सहायता प्राप्त कालेजों में आसानी से देखी जा सकती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न तो हुई मगर थ्योरी की तरह। संसाधन व उपकरण के बिना प्रायोगिक परीक्षाएं सिर्फ खानापूर्ति तक सीमित रहीं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा प्रथम चरण के तहत लखनऊ मंडल में 22 दिसंबर से लेकर 5 जनवरी तक प्रयोगात्मक परीक्षाएं के कराए जाने के फरमान थे। हर बार की तरह इस बार भी परीक्षाएं तो हुई मगर उपकरण व संसाधन के बिना। जिसके चलते वैज्ञानिक बनने की चाह रखने वाले छात्र भी व्यवस्था का खामियाजा भुगतने को मजबूर हैं। मंगलवार को हुसैनाबाद स्थित राजकीय इंटर कॉलेज का हाल भी कुछ ऐसा ही दिखा। दुर्दशा का शिकार राजकीय संस्थान की प्रयोगशाला में उपकरण नदारद दिखे। बयान
जितने और जिस स्तर के उपकरण उपलब्ध हैं, उसी से प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाती हैं। कॉलेज स्तर पर प्रयोगात्मक परीक्षाएं सही तरीके सें हों इस बात का विशेष ध्यान दिया जा जाता है।
-हरिश्चंद चक, प्रधानाचार्य,
राजकीय इंटर कॉलेज, हुसैनाबाद
-इस बावत बाद में या कभी बैठकर बात किया जाएगा।
उमेश त्रिपाठी ,जिला विद्यालय निरीक्षक