डिफॉल्टर आवंटी उठा सकेंगे ओटीएस का लाभ
लखनऊ : एलडीए अपनी संपत्तियों के लिए एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) एक बार फिर लेकर आया है। डिफॉल्टर आ
लखनऊ : एलडीए अपनी संपत्तियों के लिए एक मुश्त समाधान योजना (ओटीएस) एक बार फिर लेकर आया है। डिफॉल्टर आवंटी इसका लाभ उठाकर आवेदन कर सकेंगे। इससे एलडीए को जहां एक साथ एक निश्चित सीमा में राजस्व मिलेगा, वहीं डिफॉल्टर को ब्याज में राहत मिलेगी। यह लाभ आवेदनकर्ता 31 मार्च 2017 तक उठा सकते हैं। एलडीए उपाध्यक्ष डा. अनूप यादव ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
एलडीए की विभिन्न योजनाओं में आवंटित समस्त प्रकार की आवासीय संपत्तियां, किराया क्रय पद्धति पर आवंटित आवासीय संपत्ति, ग्रुप हाउसिंग की संपत्ति पर ओटीएस का लाभ ले सकते हैं। इसके अलावा स्कूल भूखंडों, चैरिटेबल संस्थाओं और समस्त प्रकार की व्यावसायिक, सहकारी आवास समितियों पर डिफॉल्टर आवंटी विनियमित करने के लिए ओटीएस लाभ के लिए आवेदन कर सकेंगे।
जनसंपर्क अधिकारी भावना सिंह ने बताया कि डिफॉल्टर प्रोसेसिंग फीस एवं प्रारंभिक धनराशि निर्धारित अवधि के अंदर जमा करके अपनी संपत्ति में देय अतिरिक्त ब्याज की राशि में छूट ले सकते हैं। उनके मुताबिक ईडब्ल्यूएस भवन/भूखंड की प्रोसेसिंग फीस सौ रुपये और ओटीएस आवेदन पत्र के साथ जमा की जाने वाली प्रारंभिक धनराशि पांच हजार रुपये होगी। इसी तरह एलआइजी भवन/भूखंड प्रोसेसिंग फीस पांच सौ रुपये व प्रारंभिक धनराशि दस हजार है। वहीं आवासीय एवं मिक्सड लैंडयूज की संपत्तियों तथा व्यावसायिक निर्मित दुकानों व दुकानों के भूखंडों पर प्रोसेसिंग फीस एक हजार व प्रारंभिक फीसद 25 हजार है। उक्त आवेदन पत्र के साथ जमा की जाने वाली धनराशि देय धनराशि में समायोजित की जाएगी।
ग्रुप हाउसिंग, संस्थागत संपत्तियों व उक्त वाणिज्य संपत्तियों के अलावा अन्य समस्त व्यावसायिक संपत्तियों पर प्रोसेसिंग फीस पांच हजार व प्रारंभिक धनराशि एक लाख रुपये होगी। ओटीएस का लाभ लेने के लिए प्रारंभिक व प्रोसेसिंग फीस यूको बैंक में जमा करके, काउंटर नंबर दस पर ओटीएस फार्म प्राप्त किया जा सकता है। वहीं समस्त औपचारिकताएं काउंटर नंबर पांच पर की जाएंगी।