आइटीआइ की 22 हजार सीटों पर छात्रों का टोटा
एससीवीटी की 22 हजार सीटों पर नहीं मिल रहे छात्र -परिषद ने स्पॉट काउंसिलिंग की तारीख 10 अक्टूबर तक
एससीवीटी की 22 हजार सीटों पर नहीं मिल रहे छात्र
-परिषद ने स्पॉट काउंसिलिंग की तारीख 10 अक्टूबर तक बढ़ाई
जागरण संवाददाता , लखनऊ : आइटीआइ में दाखिले की प्रकिया समाप्त हो गई, लेकिन 22 हजार से अधिक सीटें दाखिले से वंचित रह गई। स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) के तहत सीटें खाली रह जाने से विभागीय अधिकारी भी तनाव में हैं।
सूबे के 237 राजकीय आइटीआइ संस्थानों में चार चरणों में हुई प्रवेश प्रक्रिया में लगभग 22 हजार सीटों पर छात्रों का टोटा रहा। हालांकि रिक्त रह गई सीटें स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) की रहीं। जबकि नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीटी) के तहत लगभग सभी सीटें भरी जा चुकी हैं। रिक्त सीटों को भरने के लिए राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद की ओर से एक बार फिर दम भरा गया है। सीटों को भरे जाने के लिए परिषद ने 10 अक्टूबर तक की समय सीमा दी है। परिषद के संयुक्त निदेशक भगवत दयाल ने बताया कि इस वर्ष एनसीवीटी की 25 हजार से अधिक और एससीवीटी की 69 हजार सीटों के लिए चार चरणों में दाखिला प्रकिया आयोजित की गई थी। इसमें एनसीवीटी की लगभग सभी सीटें भरी जा चुकी हैं। वहीं एससीवीटी की 22 हजार सीटें अभी खाली हैं। उन्होंने बताया कि एससीवीटी की रिक्त सीटों को भरे जाने के लिए सभी संस्थानों के प्रधानाचार्यो को स्पॉट काउंसिलिंग के जरिए सीटें भरे जाने के निर्देश दिए गए हैं। 10 अक्टूबर तक मेरिट सूची के अनुसार छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। 10 अक्टूबर के बाद सभी संस्थानों को दाखिले संबंधी पूरा ब्यौरा परिषद को भेजना होगा।
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इनसेट-
अचानक क्यों हुआ मोहभंग
आइटीआइ में दाखिले के प्रवेश परीक्षा के दौरान जो मारामारी दिखी वह काउंसिलिंग प्रक्रिया तक कैसे कम हो गई। समझ से परे है। सरकारी आइटीआइ संस्थानों की 94 हजार से अधिक सीटों के लिए प्रवेश परीक्षा के दौरान लगभग साढ़े छह लाख छात्रों ने आवेदन किया था। ऐसा क्या हुआ कि प्रवेश से काउंसिलिंग तक के दौर में आइटीआइ से अचानक छात्रों का मोहभंग हो गया?