रमाबाई रैली स्थल बना वैकल्पिक धरना स्थल
- शहर में व्यवस्थित यातायात के लिए प्रशासन की खास रणनीति - एक हजार से अधिक संख्या होने पर प्रदर्
- शहर में व्यवस्थित यातायात के लिए प्रशासन की खास रणनीति
- एक हजार से अधिक संख्या होने पर प्रदर्शनकारियों को जाना होगा रमाबाई स्थल
- लक्ष्मण मेला पार्क में भी अवस्थापना निधि से विकसित होंगी मूलभूत सुविधाएं
- बड़े धरना-प्रदर्शन से पूर्व प्रत्येक विभाग की तय होगी जिम्मेदारी
जागरण संवाददाता, लखनऊ : धरना-प्रदर्शन के चलते शहर में आए दिन लगने वाले जाम से निजात के लिए प्रशासन ने अब खास रणनीति बनाई है। लक्ष्मण मेला पार्क पर अब केवल एक हजार से कम संख्या होने पर ही धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी। इससे अधिक भीड़ होने पर प्रदर्शनकारियों को रमाबाई रैली स्थल पर जाना होगा।
बीते कुछ महीने में लक्ष्मण मेला पार्क स्थल पर धरना और प्रदर्शन के चलते शहर में भयंकर टै्रफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ा। विभिन्न संगठनों द्वारा विधानभवन के सामने शक्ति प्रदर्शन की होड़ में शहरवासी घंटों जाम में जूझते नजर आए। गुरुवार को ग्राम रोजगार सेवकों के प्रदर्शन से पहले जिस तरह प्रशासन ने तत्परता दिखाई उससे शहर में कहीं भी टै्रफिक की समस्या दिखाई नहीं पड़ी। सभी प्रदर्शनकारियों को विभिन्न इलाकों से रमाबाई रैली स्थल पहुंचा दिया गया।
जिलाधिकारी राजशेखर का कहना है कि अतीत से सबक लेते हुए प्रशासन अब किसी भी धरना-प्रदर्शन से पूर्व विभागों की बैठक बुलाकर उसका आंकलन करेगा। एलआइयू की रिपोर्ट के अलावा प्रदर्शनकारी संगठन के नेताओं और अन्य स्रोतों से जुटने वाली भीड़ का आंकलन किया जाएगा और यदि संख्या एक हजार से अधिक होने की बात पाई गई तो फिर रमाबाई रैली स्थल पर प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी।
लक्ष्मण मेला पार्क पर भी मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी ताकि प्रदर्शनकारियों को असुविधा न हो। कानून-व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए कमरे भी बनाए जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से धरना स्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसके लिए एलडीए की अवस्थापना निधि का इस्तेमाल किया जाएगा।
विभागों की जिम्मेदारी तय
बड़े धरना-प्रदर्शन से पूर्व अब प्रत्येक विभाग की जिम्मेदारी तय कर दी गयी है। पुलिस, प्रशासन, नगर निगम, आरटीओ और जल संस्थान सहित सभी विभागों को उनके कार्य दायित्वों के बारे में जानकारी दी गई है। बड़े प्रदर्शन से पूर्व सभी विभाग एक दिन पूर्व बैठक कर साझा रणनीति बनाएंगे। अगर किसी विभाग से असहयोग की शिकायत मिली तो कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।