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जेएनयू कैंपस राष्ट्रविरोधी गतिविधियों व अराजकता का अड्डा: आदित्य नाथ

भारतीय जनता पार्टी के सांसद तथा फायर ब्रांड नेता महंत आदित्य नाथ ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली के कैंपस को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों व अराजकता का अड्डा बताया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2016 11:27 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2016 12:26 PM (IST)
जेएनयू कैंपस राष्ट्रविरोधी गतिविधियों व अराजकता का अड्डा: आदित्य नाथ

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के सांसद तथा फायर ब्रांड नेता महंत आदित्य नाथ ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) दिल्ली के कैंपस को राष्ट्रविरोधीगतिविधियों व अराजकता का अड्डा बताया है। उनकी राय में यहां पर कुछ लोग छात्र-छात्राओं पर जबरन पाकिस्तान के साथ ही चीन की विचारधारा को थोपने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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जेएनयू विवाद को लेकर गोरखपुर से सांसद महंत आदित्य नाथ ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। जेएनयू विवाद पर उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे लगता है कि भारत की जनता के पैसे पर पलने वाली इस यूनिवर्सिटी में यदि इस तरह की घटना होती है तो केंद्र सरकार को मौन नहीं रहना चाहिए। यहां पर कौन देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं, इनकी जितनी जल्दी पहचान हो सके करनी होगी। देश के पैसे से ही मुल्क के खिलाफ गद्दारी करने वाले लोगों के साथ बेहद सख्ती व निर्ममता से कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे कि अन्य कोई भी देश के साथ गद्दारी करने की हिम्मत न कर सके। उन्होंने कहा कि इस घृणित मामले पर केंद्र सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य सभी दोषी को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी तय है।

जेएनयू के माहौल को कौन खराब कर रहा है के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके पीछे वामपंथी विचारधारा के लोग शामिल हैं। जिनका दाना पानी भारत से चलता है लेकिन निष्ठा अन्य देशों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि इन वामपंथी विचारधारा के लोगों का संबंध पाकिस्तान, चीन और अन्य वामपंथी पोषित मुल्कों से है। यह सब लोग उन देशों की हितों का पोषण यहां रहकर करते हैं। यह पूरी तरह देश के साथ गद्दारी है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

जेएनयू में मांस परोसने पर उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में गोमांस भी परोसा गया था। पहले भी महिषासुर की जयंती को लेकर यहां विवाद हो चुका है। जेएनयू में ताजा मामला सिर्फ अफजल गुरु से ही जुड़ा नहीं है। यहां हर भारत विरोधी गतिविधयां की जाती है। यह अब प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की जगह अराजकता का अड्डा बन चुका है। ऐसी गतिविधियों को सख्ती से रोकने की जरूरत है।

अराजकता को लेकर जेएनयू चीन व पाकिस्तान का गढ़ बन गया है के जवाब में उन्होंने कहा कि यह कहना मुश्किल है। अराजकता को लेकर जेएनयू चीन व पाकिस्तान का गढ़ बन गया है। हालांकि, उनकी विचारधारा को जबरन लादने और भारतविरोधी गतिविधियों का यह अड्डा जरूर बन गया है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिये।


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