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बगावत के लिए क्षमा मांगने परसीतापुर के पांचों सपा विधायक बहाल

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बगावत पर समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल से निलंबित सीतापुर जिले के पांचों विधायकों का निलंबन वापस लिए जाने पर सहमति हो गयी है। जल्द ही इसकी घोषणा होगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 09:28 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2016 09:00 AM (IST)

लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बगावत पर समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल से निलंबित सीतापुर जिले के पांचों विधायकों का निलंबन वापस लिए जाने पर सहमति हो गयी है। जल्द ही इसकी घोषणा होगी।

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छह जनवरी को समाजवादी पार्टी से निलंबित बिसवां से विधायक रामपाल यादव और 13 जनवरी को पार्टी विधानमंडल दल से निलंबित महोली के विधायक अनूप कुमार गुप्ता, सीतापुर शहर के विधायक राधेश्याम जायसवाल, रेवता के विधायक महेन्द्र कुमार सिंह उर्फ झीन बाबू और सिधौली के विधायक मनीष रावत ने बुधवार को विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मंत्री शिवपाल यादव से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि पांचों विधायकों ने गलती के लिए मुलायम सिंह यादव से क्षमा मांगी और पंचायत चुनाव में बगावत के कारणों की विस्तार से जानकारी दी। एक घंटे से अधिक समय तक चली पंचायत के दौरान विधायकों ने प्राधिकारी क्षेत्र के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंकने का भरोसा और पार्टी के लिए पूरी निष्ठा से काम करने का वादा किया। इस पर मुलायम ने विधायकों का निलंबन खत्म करने की अनुमति दी।

सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह ने विधायकों का निलंबन वापस लिये जाने की विधिवत घोषणा करने का निर्देश दिया है। गुरुवार को पार्टी के महासचिव शिवपाल यादव ने पांचों विधायकों का निलंबन खत्म करने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के बाद से ही उनकी वापसी के संकेत मिलने लगे थे। माना जा रहा था कि जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनकी दलीय निष्ठा समाजवादी पार्टी के साथ बनी रहेगी। इनमें एक विधायक समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शुमार भगवती सिंह के रिश्तेदार भी हैं।

जांच कमेटी की रिपोर्ट भी बनी आधार

समाजवादी पार्टी ने सीतापुर के जिन विधायकों को निलंबित किया था, उनकी कार्य प्रणाली को परखने के लिए महासचिव अरविंद सिंह गोप, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम समेत तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, इस समिति ने विधायकों की पार्टी के प्रति निष्ठा में कोई कमी नहीं होने की रिपोर्ट दी थी।


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