सर सैयद डेः एएमयू में मुख्यमंत्री को बुलाने का भारी विरोध
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सर सैयद डे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बतौर मुख्य अतिथि बुलाए जाने का छात्रों के एक गुट ने विरोध शुरू कर दिया है। इनका कहना है कि जब तक छात्र आलमगीर हत्याकांड की जांच सीबीआइ को नहीं सौंपी जाती, किसी को कैंपस में घुसने
लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सर सैयद डे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बतौर मुख्य अतिथि बुलाए जाने का छात्रों के एक गुट ने विरोध शुरू कर दिया है। इनका कहना है कि जब तक छात्र आलमगीर हत्याकांड की जांच सीबीआइ को नहीं सौंपी जाती, किसी को कैंपस में घुसने नहीं देंगे। यह भी कहना है कि सपा शासन में मुजफ्फरनगर, दादरी कांड जैसी घटनाएं हुई हैं। पीडि़तों को न्याय नहीं मिला है। ऐसे में मुख्यमंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना ठीक नहीं।
एएमयू में सर सैयद डे 17 अक्टूबर को है। कुलपति जमीर उद्दीन शाह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बतौर मुख्य अतिथि आने का न्योता दिया है। कुलपति खुद ही लखनऊ में मुख्यमंत्री से उनके कार्यालय में मिले थे। गुरुवार को ये खबर समाचार पत्रों में छपी तो छात्र विरोध पर उतर आए। छात्रों के एक गुट का मानना है कि एएमयू को राजनीति का अखाड़ा बनने से रोका जाए। अगर नेताओं को ही कैंपस में बुलाना है तो सभी दलों के नेताओं को समान समझा जाए। अगर मुख्यमंत्री को न्योता भेजा है तो क्या केंद्रीय मंत्रियों को बुलावा नहीं भेजा जाना चाहिए। गौरतलब है कि पिछले साल छात्रों के विरोध के चलते ही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव भी एएमयू नहीं आ पाए थे।
छात्र अजफर अली खान ने कहा कि मेरा कुलपति से सवाल है कि सर सैयद डे समारोह का निमंत्रण मुख्यमंत्री को क्यों? मैं निमंत्रण देने और प्रदेश में अल्पसंख्यक समाज पर बढ़ते हमलों के विरोध में सर सैयद डे का बहिष्कार करता हूं। छात्र नेता अदील अल्वी ने कहा कि आलमगीर हत्याकांड की जब तक सीबीआइ जांच नहीं होती, एएमयू कैंपस में किसी नेता को नहीं घुसने दिया जाएगा। चाहे वह मुख्यमंत्री हों या केंद्रीय मंत्री। छात्र नेता मोहम्मद जोरेज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पहले तो एएमयू को राजनीतिक दलों से दूर ही रखा जाए। अगर बुलाना ही है तो राज्य व केंद्रीय मंत्री दोनों को बुलाया जाए। यह भी देखना चाहिए कि किसके बुलाने से एएमयू को लाभ पहुंच रहा है।