विसर्जन विवाद से राहुल रहे दूर, सोनिया ने ली हालात की जानकारी
काशी में प्रतिमा विसर्जन मर मचे बवाल के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज बनारस की सरजमीं पर कदम रखने के बावजूद पूरे मामले से खुद को दूर रखा। बिहार से वाराणसी होते नई दिल्ली जा रहे राहुल गांधी ने किसी कांग्रेसी से मिलना मुनासिब नहीं समझा। हेलीकाप्टर से
लखनऊ। काशी में प्रतिमा विसर्जन मर मचे बवाल के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज बनारस की सरजमीं पर कदम रखने के बावजूद पूरे मामले से खुद को दूर रखा। बिहार से वाराणसी होते नई दिल्ली जा रहे राहुल गांधी ने किसी कांग्रेसी से मिलना मुनासिब नहीं समझा। हेलीकाप्टर से उतरे और विमान से रवाना हो गए। उधर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री से घटनाक्रम की जानकारी ली और संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी इन दिनों गंगा में प्रतिमा विसर्जन को लेकर गर्म तवे की तरह तप रहा है। सोमवार को बलवे के बाद कांग्रेस के विधायक अजय राय को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। कांग्रेस में प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर भारी रोष है।
सिर्फ कांग्रेसियों पर कार्रवाई
वाराणसी के बाबतपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आज राहुल गांधी से मिलने के लिए कुछ कांग्रेसी नेता पहुंचे। मंशा थी कि पूरे प्रकरण से पार्टी उपाध्यक्ष को अवगत कराया जाएगा। बताया जाएगा कि सपा सरकार के निर्देश पर सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अन्याय प्रतिकार यात्रा में कांग्रेसियों के अलावा अन्य सभी शामिल थे लेकिन, गिरफ्तारी और कार्रवाई सिर्फ कांग्रेसियों के खिलाफ हो रही है। संतों, विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के नेताओं के प्रति प्रशासन अघोषित रूप से नरम रवैया अपना रहा है। इन सभी बातों को रख कांग्रेसी राहुल गांधी को शहर तक लाने की तैयारी में भी थे। इससे पूर्वांचल में हाशिए पर चल रही पार्टी के लिए राजनीतिक माइलेज मिलने की भी संभावना थी।
खुद को फिलहाल दूर रखा
राहुल गांधी बिहार से शाम ४.४० बजे हेलीकॉप्टर के जरिए बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे और वहां पहले से खड़े चार्टर प्लेन में सवार हो गए। ४.५० बजे राहुल गांधी कांग्रेसियों को मायूस कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि मोदी का संसदीय क्षेत्र और गंगा में प्रतिमा विसर्जन का मुद्दा होने के चलते राहुल इस मामले से खुद को फिलहाल दूर रखना चाहते हैं। हालांकि पार्टी से लेकर आम लोगों तक के बीच यही चर्चा है कि कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने का यह एक बड़ा मौका था। राहुल के इस कदम को इस स्पष्ट संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व फिलहाल यह नहीं चाहता कि वह इस आंदोलन के परिपेक्ष्य में पार्टी की स्थानीय इकाई के साथ 'साफ-साफ' खड़ा दिखे। यह दीगर है कि परदे के पीछे से पीठ पर हाथ रखकर स्थानीय इकाई के जरिए स्थिति मजबूत करने की कोशिश जारी रखी जाए।
सोनिया ने ली हालात की जानकारी
बनारस कांड पर कांग्रेस ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है। सपा और भाजपा की जुगलबंदी होने का आरोप भी लगाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री से घटनाक्रम की जानकारी ली और संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा है। विधायक अजय राय की गिरफ्तारी पर रोष जताते हुए कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन सत्यदेव त्रिपाठी ने भाजपा व सपा पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। कहा कि वाराणसी में संतों पर लाठीचार्ज दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस संतो के धार्मिक अनुष्ठान में शामिल न थी परन्तु लाठीचार्ज के विरोध में संतों की अन्याय प्रतिकार यात्रा में कांग्रेसी जरूर उपस्थित थे। यात्रा में भाजपा विधायक श्यामदेवराय चौधरी, रवीन्द्र जायसवाल, ज्योत्सना श्रीवास्तव और विहिप नेता साध्वी प्राची भी रही थीं।त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि पुलिस व युवा हिंदू वाहिनी ने आगजनी और हिंसा को अंजाम दिया। प्रशासन और खुफिया विभाग की अक्षमता भी सामने आयी है। जिन 105 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी गयी, उनमें कांग्रेस विधायक अजय राय, स्वामी अवमुक्तेश्वरानन्द और युवा कांग्रेस के राघवेंद्र जैसे लोग शंाति व्यवस्था बनाने में लगे थे। भाजपा के विधायकों, विश्व हिन्दू परिषद के नेताओं एवं युवा हिन्दू वाहिनी केखिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज न कराना सरकार की दुर्भावना दर्शाता है।
राजनीतिक विद्वेष की कार्रवाई
विधायक अजय राय को हवाई अड्डे के रनवे पर गिरफ्तार करने की भत्र्सना करते हुए जिला अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा के आवास पर लगातार दबिश देने को राजनीतिक विद्वेष की कार्रवाई बताया। उन्होंने दादरी कांड में भी केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा, संगीत सोम और साध्वी प्राची के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को सरकार का पक्षपातपूर्ण फैसला बताया। त्रिपाठी ने विधायक अजय राय की सुरक्षा नहीं होने पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का आरोप भी लगाया।
छह को मिली जमानत
गोदौलिया पर हुए बलवे में नामजद १०६ लोगों में से अब तक ५१ को गिरफ्तार किया गया है। बुधवार को इनमें से छह लोगों को सत्र न्यायालय से जमानत दे दी गई। जमानत पाने वालों में एक अधिवक्ता भी शामिल हैं जिनके लिए अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार कर दिया था।
गंगा दल की घोषणा
अन्याय प्रतिकार यात्रा का नेतृत्व करने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बुधवार को गंगा दल बनाने की घोषणा की। उनका कहना है कि दल पूर्णत: गैर राजनीतिक रहेगा जो गंगा से जुड़े किसी भी मसले या आंदोलन के लिए समर्पित होगा।