वोट-नोट के संकट में उत्तर प्रदेश कांग्रेस
चटक धूप और उमस भरी गर्मी। बावजूद इसके कमरों के दरवाजे खुले और एयरकंडीशनर (एसी) बंद। गर्मी से संघर्ष में सिर्फ छत पर झूल रहे पंखों का सहारा। यह नजारा था नेहरू भवन का जो देश की सबसे पुरानी व बमुश्किल डेढ़ साल पहले तक देश पर राज कर रही
लखनऊ (राज बहादुर सिंह) । चटक धूप और उमस भरी गर्मी। बावजूद इसके कमरों के दरवाजे खुले और एयरकंडीशनर (एसी) बंद। गर्मी से संघर्ष में सिर्फ छत पर झूल रहे पंखों का सहारा। यह नजारा था नेहरू भवन का जो देश की सबसे पुरानी व बमुश्किल डेढ़ साल पहले तक देश पर राज कर रही कांग्रेस का सूबाई मुख्यालय है।
नेहरू भवन के इस नजारे को एक वाक्य में समझा जाए तो कहा जा सकता है कि कांग्रेस को अब वोट का ही नहीं बल्कि नोट का भी संकट झेलना पड़ रहा है। बिजली का ताजा बिल इतना ज्यादा आ गया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा.निर्मल खत्री ने तत्काल एसी का प्रयोग बंद करने का फरमान जारी कर दिया और इसके बाद सभी कमरों में एसी बंद कर दरवाजे खोल दिए गए।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि अगले आदेशों तक एसी का प्रयोग न किया जाए। नेहरू भवन में लगभग 25 से 30 एसी लगे हैं। अकेले कम्युनिकेशन विभाग में ही आठ से दस एसी चलते हैं। बताते हैं कि पहले किसी तरह काम चल जाता था लेकिन प्रशासन का काम देखने वाले एक पदाधिकारी ने कनेक्शन का लोड 50 किलोवाट करा दिया और बिल का मामला बिगड़ गया। लोक सभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस को आर्थिक मोर्चे पर भी जूझना पड़ रहा था और ऐसे में लाखों का बिल आते ही प्रदेश अध्यक्ष के हाथ से तोते उड़ गए। फिलहाल एसी बंद कर दिए गए हैं और कुछ ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे एसी के प्रयोग को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके।
गाडिय़ां व ड्राइवर भी वापस
खर्चे कम करने के उद्देश्य से लोकसभा चुनाव के बाद ही निर्मल खत्री ने जोनल कोआर्डिनेटर व अन्य पार्टी पदाधिकारियों को दिए गए वाहन वापस ले लिए थे। चुनिंदा तीन से चार पदाधिकारियों के पास ही अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदत्त गाड़ी व ड्राइवर हैं।
तकनीकी कारण से एसी बंद हुए
प्रदेश कांग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन सत्यदेव त्रिपाठी ने एसी बंद होने के बारे में कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से फिलहाल एसी बंद किए गए हैं। उन्होंने इस बारे में कुछ और कहने से इंकार कर दिया।