पावर एंजल को स्पेशल पुलिस आफीसर का दर्जा
वूमेन पावर लाइन 1090 ने पावर एंजल को एसपीओ (स्पेशल पुलिस आफीसर) का दर्जा दिया है। प्रदेश में एक लाख पावर एंजल बनाने के लिए वूमेन पावर लाइन की ओर से शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी स्कूल और कालेजों में फार्म भेजे जाएंगे। आरएमओ राघवेंद्र ने बताया
लखनऊ। वूमेन पावर लाइन 1090 ने पावर एंजल को एसपीओ (स्पेशल पुलिस आफीसर) का दर्जा दिया है। प्रदेश में एक लाख पावर एंजल बनाने के लिए वूमेन पावर लाइन की ओर से शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी स्कूल और कालेजों में फार्म भेजे जाएंगे।
आरएमओ राघवेंद्र ने बताया कि एसपीओ के जो अधिकार हैं वही पावर एंजल के होंगे। पावर एंजल पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकेंगी। इनका पहचान पत्र पुलिस की तरह होगा और उस पर स्पेशल पुलिस आफीसर लिखा होगा। इससे छात्राओं को आत्मबल मिलेगा और वह समाज में निर्भीक होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकेंगी। उन्होंने बताया कि महिलाओं के साथ हो रही घरेलू ङ्क्षहसा, छेड़छाड़, अश्लीलता, प्रताडऩा पर लगाम कसने के लिए वूमेन पावर लाइन छात्राओं को पावर एंजल बना रहा है। इस कड़ी में पूरे प्रदेश में अब तक 20 हजार छात्राओं को पावर एंजल बनाया जा चुका है। इसके विस्तार के लिए वूमेन पावर लाइन के अधिकारियों ने स्टाफ के साथ मिलकर हाल में ही बनारस, रायबरेली, बहराइच, सीतापुर, कानपुर, मुजफ्फर नगर, हरदोई, इलाहाबाद, गाजियाबाद, नोएडा के स्कूल कालेजों में दौरा किया। उन्होंने छात्राओं को वूमेन पावर लाइन से जोडऩे के लिए जागरूकता अभियान चलाकर 1090 से जुडऩे के लिए प्रेरित किया। आरएमओ राघवेंद्र के मुताबिक पांच सितंबर को शिक्षक दिवस है। इस मौके पर प्रदेश के सभी स्कूल और कालेजों में छात्राओं को पावर एंजल बनाने के लिए फार्म भेजे जाएंगे। प्रदेश में पावर एंजल की सर्वाधिक संख्या अब तक लखनऊ में है। यहां करीब 10 छात्राओं को पावर एंजल बनाया जा चुका है। इस शिक्षण सत्र में एक लाख पावर एंजल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
10 फीसद छात्राओं को मौका
आरएमओ राघवेंद्र ने बताया कि पावर एंजल बनने के लिए छात्रा का 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। स्कूल या कॉलेज में पढऩे वाली छात्राओं की प्रत्येक कक्षा के हर एक सेक्शन से 10 प्रतिशत छात्राओं को पावर एंजल बनाया जाएगा। इसके लिए छात्राओं का निर्भीक, साहसी और सामाजिक होना आवश्यक है।