अमेठी भूमि विवाद : किसानों ने लगाया सस्ते में जमीन लेने का आरोप
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के नाम दर्ज हो चुकी अमेठी में सम्राट साइकिल की जमीन को लेकर अब किसान भी मुखर हो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि महज पांच से दस हजार रुपये एकड़ दाम लगाकर उनकी जमीन हथिया ली गई थी। उनसे रोजगार का
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआइडीसी) के नाम दर्ज हो चुकी अमेठी में सम्राट साइकिल की जमीन को लेकर अब किसान भी मुखर हो रहे हैं। किसानों का आरोप है कि महज पांच से दस हजार रुपये एकड़ दाम लगाकर उनकी जमीन हथिया ली गई थी। उनसे रोजगार का वादा किया गया, लेकिन वह भी नहीं मिला।
वर्ष 1984-85 में यूपीएसआइडीसी ने गौरीगंज तहसील के कौहार एवं भनियापुर ग्राम पंचायत के किसानों से 206.849 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की थी। किसानों के अनुसार उस समय उन्हें मामूली मूल्य दिया गया। आठ अगस्त, 1986 को मेसर्स सम्राट साइकिल ने इसमें 65.57 एकड़ जमीन 90 साल के लिए लीज पर ली। सम्राट ने उस समय इस जमीन को नौ लाख 46 हजार 608 रुपये 51 पैसे में लिया था। नीलामी में वही जमीन राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने बीस करोड़ दस लाख रुपये में खरीदी। जमीन देने वाले किसान अवधेश सिंह, राम रतन का कहना है कि इस समय जमीन की कीमत एक करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। ऐसे में पूरी जमीन कम से कम 65 करोड़ की तो होनी ही चाहिए। किसानों ने कहा कि जब जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है तो उसे अब किसानों को वापस किया जाना चाहिए जिससे उनकी रोजी रोटी चल सके।
राजीव गांधी ट्रस्ट दोषी नहीं : खत्री
प्रदेश कांग्र्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने कहा कि अमेठी में सम्राट साइकिल फैक्ट्री की जमीन को लेकर चल रहे विवाद में राजीव गांधी ट्रस्ट दोषी नहीं है। यूपीएसआइडीसी जमीन की मालिक थी। राज्य सरकार ने नीलामी की और राजीव गांधी ट्रस्ट ने सबसे बड़ी बोली लगाकर जमीन खरीद ली। ट्रस्ट ने किसी किसान की जमीन नहीं ली और अब फैसला भी राज्य सरकार को ही करना है।