आइपीएस अपर्णा ने फतह किया यूरोप
अपने हौसले के दम पर दुनिया भर के तमाम शिखर झुकाने वाली आइपीएस अपर्णा कुमार ने एक और मील का पत्थर रख दिया। यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रस फतह करके। इसके साथ ही वे अकेली ऐसी भारतीय बन गईं, जिन्होंने यह मुकाम पाया। -15 डिग्री सेल्सियस तापमान
लखनऊ। अपने हौसले के दम पर दुनिया भर के तमाम शिखर झुकाने वाली आइपीएस अपर्णा कुमार ने एक और मील का पत्थर रख दिया। यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रस फतह करके। इसके साथ ही वे अकेली ऐसी भारतीय बन गईं, जिन्होंने यह मुकाम पाया। -15 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच अपर्णा ने चार अगस्त को माउंट एलब्रस के शिखर पर कदम रखा और तिरंगा लहराया। गौरव के इस क्षण का साक्षी उत्तर प्रदेश पुलिस का ध्वज भी बना।
अपर्णा की यह उपलब्धि इसलिए भी अहम है क्योंकि पिछले दिनों उन्हें अपने माउंट एवरेस्ट मिशन से कदम पीछे खींचने पड़े थे मगर, उनका हौसला हरगिज नहीं डिगा। भारी तबाही को बेहद करीब से देखने के बाद ऊंचाई नापने की उनकी ललक कम न हुई। कुछ दिन आराम करने के बाद वे एक बार फिर निकल पड़ीं थीं, पहाड़ को नीचा दिखाने। इस दफा टारगेट था, यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रस की चढ़ाई, जो रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में स्थित है। सोनभद्र के डीएम संजय कुमार की पत्नी और फिलहाल उप्र पुलिस हेड क्वार्टर से संबद्ध आइपीएस अपर्णा कुमार ने अपने इस मिशन की शुरुआत 27 जुलाई को की। विषम परिस्थितियां, दुर्गम रास्ते...। इस सब के बीच आखिरकार उन्होंने 4 अगस्त की सुबह 10 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12.30 बजे) यूरोप की शान कहे जाने वाले एलब्रस के शिखर पर अपने कदम रख दिए। उनकी टीम में कनाडा, अमेरिका, इंग्लैंड, पोलैंड के 12 पर्वतारोही भी शामिल थे।
एलब्रस से वापस लौटते वक्त अपर्णा ने अपने पति संजय कुमार से संपर्क साधा। साथ ही दैनिक जागरण को फोटो भेजकर सफल मिशन की जानकारी दी। अपर्णा 10 अगस्त को स्वदेश लौटेंगी। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व अन्य वरिष्ठ अफसरों का भी आभार जताया। कहा, उनके सहयोग के बिना यह संभव नहीं था।
यूरोप की इस सबसे ऊंची चोटी से आज तक कोई भारतीय पर्वतारोही पार नहीं पा सका था। बावजूद अपर्णा ने इस चुनौती को स्वीकारा और उसे झुकाने की ठानी। नतीजा सबके सामने है। माउंट एलब्रस फतह करने वाली पहली भारतीय बन गईं । बता दें, अपर्णा के साहस को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है।
अब तक का रिकार्ड
वे अभी तक तीन महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों को फतह कर तिरंगा लहरा चुकी हैं। इनमें अफ्रीका की माउंट क्लीमंजारो, आस्ट्रेलिया की कारस्टेंज पिरामिड, साउथ अमेरिका की माउंट अंकारागुआ शामिल हैं।
ऐसे चूकीं एवरेस्ट मिशन
ये तीन शिखर नापने के बाद अपर्णा अप्रैल में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को लांघने निकली थीं। वे अपने मकसद के बेहद करीब भी पहुंच गईं। 29 हजार फीट ऊंचाई वाली एवरेस्ट चोटी की 24 हजार 600 फीट की दूरी पार कर ली लेकिन, 25 अप्रैल को नेपाल में भीषण जलजले ने उनका सफर रोक दिया।
अगला मिशन
अपर्णा की ख्वाहिश है, दुनिया के सातों महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों को छूना। तिरंगे के आगे उन्हें झुकाना। इसके तहत ही वे अब जनवरी में अंटार्कटिका मिशन पर निकलेंगी। उसके बाद दोबारा माउंट एवरेस्ट की तैयारी और फिर अमेरिका के अलास्का स्थित सबसे ऊंची चोटी छूना उनका लक्ष्य है।