मुलायम से दोस्ती की ढाल आगे कर अमर सिंह का कांग्रेस पर वार
मुलायम सिंह के 'अमर प्रेम' से समाजवादी पार्टी के एक तबके में खासी बेचैनी के सवालों पर पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के जहां कई उत्तर देते हैं, नए सवालों को जन्म भी देते हैं। वह मुलायम सिंह से मुलाकातों को सिर्फ दोस्ती का नाम देते हैं, मगर बदायूं दुष्कर्म
लखनऊ। मुलायम सिंह के 'अमर प्रेम' से समाजवादी पार्टी के एक तबके में खासी बेचैनी के सवालों पर पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के जहां कई उत्तर देते हैं, नए सवालों को जन्म भी देते हैं। वह मुलायम सिंह से मुलाकातों को सिर्फ दोस्ती का नाम देते हैं, मगर बदायूं दुष्कर्म हत्याकांड में सीबीआइ जांच के निष्कर्षों के आधार पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और लोजपा के रामविलास पासवान पर निशाना साध कर सपा के साथ सियासी सफर कीफिर शुरुआत का संकेत भी देते हैं।
दैनिक जागरण से बातचीत में आज अमर सिंह ने कहा कि दोस्ती में सौदा नहीं होता, जिसके लाभ-हानि का आकलन किया जाए। हालांकि, दोस्ती की इस दुहाई के विपरीत वह सपा सरकार के पक्ष में भी खड़े नजर आए। दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में अपराध कम होने की बात कहकर सपा सरकार का बचाव किया। बोले, बदायूं दुष्कर्म कांड में राहुल गांधी और रामविलास पासवान ने सच को परखे बगैर अखिलेश सरकार की लानत-मलानत कर डाली। यूएनओ तक में चर्चा हो गई, लेकिन सच्चाई सामने आने पर माफी क्यों नहीं मांगी? यूएनओ को सच क्यों नहीं बताया। अमर सवाल उठाते हैं कि आंध्र प्रदेश में किसी बच्ची से दुष्कर्म होने पर अखिलेश यादव वहां जाकर बोलने लगें तो फिर कांग्र्रेस क्या महसूस करेगी?
दोस्ती तो चीज है बस एहसास की
अमर सिंह कहते हैं कि मुलायम सिंह से दोस्ती का कोई सियासी मकसद नहीं है। हमारी बात कुछ यूं समझिये-'जरूरत ही नहीं अल्फाज की, दोस्ती तो चीज है बस एहसास की।' मुलायम सिंह पहले भी हमारे नेता थे, अब भी हैं। इसमें कोई सियासी संदेश नहीं। किन्ही कारणों से जब उनसे कुछ दूर थे, तब भी उनके दिल के करीब थे। रोजा इफ्तार की दावत थी, सो चला गया।
रामगोपाल को भी मुझसे घृणा नहीं
अमर सिंह ने कहा कि आजम खां से कोई नाराजगी नहीं है। प्रो. राम गोपाल यादव से भी नफरत नहीं हैं। इतना ही कहा जा सकता है कि वह मुलायम सिंह यादव के भाई हैं,उन्हें भी मुझसे घृणा नहीं होगी।
राजनीति में कुछ भी संभव
अमर सिंह कहते हैं कि सपा में वापसी का सवाल कहां से उठता है, वह नहीं जानते है। वह सिर्फ मुलायम से जब-तब मिलते रहते हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी उनकी मुलाकात होती है। इस सीधी बात के बीच अमर सिंह यह भी जोड़कर नये कयास खड़े करते हैं कि राजनीति में कुछ भी संभव है।