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कानपुर के आश्रम से लापता 31 लड़कियों की तलाश में प्रशासन

कानपुर के हसनपुर स्थित स्वाधार आश्रम में बड़े खेल के संकेत मिल रहे हैं। मोतीलाल मेमोरियल इंटर कालेज द्वारा संचालित इस आश्रम से बुधवार को भागने की कोशिश कर रही दो लड़कियों के पकड़े जाने पर संचालक समेत छह लोगों पर छेड़छाड़ व अपहरण जैसे संगीन आरोप लगाने से आश्रम

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 13 Jun 2015 12:29 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2015 12:35 PM (IST)
कानपुर के आश्रम से लापता 31 लड़कियों की तलाश में प्रशासन

लखनऊ। कानपुर के हसनपुर स्थित स्वाधार आश्रम में बड़े खेल के संकेत मिल रहे हैं। मोतीलाल मेमोरियल इंटर कालेज द्वारा संचालित इस आश्रम से बुधवार को भागने की कोशिश कर रही दो लड़कियों के पकड़े जाने पर संचालक समेत छह लोगों पर छेड़छाड़ व अपहरण जैसे संगीन आरोप लगाने से आश्रम सुर्खियों में है। जांच में आश्रम के रजिस्टर में दर्ज 48 लड़कियों में से सिर्फ 17 के होने से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा है। शुक्रवार को आश्रम पहुंची जांच टीम पूरे प्रकरण को ग्रांट का खेल से भी जोड़कर देख रही है।

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एसीएम छह राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी की अगुवाई में जिला प्रोबेशन अधिकारी आशुतोष सिंह व जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्योति शाक्या की टीम स्वाधार आश्रम पहुंची। टीम को आश्रम में काउंसलर नीलम श्रीवास्तव व खाना बनाने वाली देवी से पूछताछ की, लेकिन वह कुछ नहीं बता सकीं।

बता दें कि बुधवार गिरफ्तारी के बाद आश्रम के संचालक डा.श्रवण कुमार कुशवाहा, उनका बेटा अभिषेक व राजकुमार और वार्डेन प्रतिभा जेल भेजे जा चुके हैं। टीम को रजिस्टर में 48 लड़कियों के नाम दर्ज मिले, जबकि मौके पर 17 ही मिलीं। इनमें भी 12 मानसिक अस्वस्थ बताई जा रही हैं। एक के गर्भवती होने की बात सामने आई है। आसपास पूछताछ करने पर पता चला कि रजिस्टर में दर्ज नाम की कुछ लड़कियां इन्हीं के स्कूल में पढ़ती हैं। जांच में यह भी पता चला कि पिछली साल आश्रम को सरकारी ग्रांट नहीं मिली थी। इसके पीछे कारण बताया गया कि आश्रम में जितनी लड़कियों की संख्या दिखाई गई थी, वह जांच में नहीं मिली थीं। प्रशासन इस पहलू पर भी जांच कर रहा है। दूसरी तरफ कल्याणपुर पुलिस ने आसपास के लोगों के साथ आश्रम के लोगों के बयान दर्ज किए। जांच में बीते आठ माह में चार लड़कियों के भागने की बात भी सामने आई है।

एसीएम छह राजेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि संचालक व संबंधित अधिकारियों के जेल जाने से रिकार्ड नहीं मिल सके। जांच में ग्रांट के खेल के चलते संख्या बढ़ाने की बात भी सामने आई है। जिसके चलते पिछले साल आश्रम की ग्रांट रुक गई थी। आश्रम के रजिस्टर में दर्ज लड़कियां वास्तव में थीं भी या नहीं, इसकी भी पड़ताल की जा रही है।

कुछ गलत तो नहीं हो रहा था...

आश्रम से भागी किशोरियों द्वारा छेड़छाड़ और जबरन शारीरिक संबंध बनाने के प्रयास जैसे गंभीर आरोप लगाना आश्रम में कुछ गलत होने की तरफ इशारा कर रहे हैं। पुलिस भी आश्रम में कुछ गड़बड़ होने की आशंका से ही आसपास के लोगों के साथ ही वहां रहने वाली लड़कियों से एक-एक करके पूछताछ कर रही है। एक कमरे में दस-दस लड़कियों को रखा जाता है और बाहर से कमरे की कुंडी लगा दी जाती है।


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