शबनम की पुनर्विचार याचिका पर सोमवार को सुनवाई
प्रेमी के साथ मिलकर सात परिजनों की हत्या करने वाली बावनखेड़ी कांड की खलनायिका शबनम की फांसी की सजा के मामले में दिल्ली की डेथ पेनाल्टी लेटिगेशन क्लीनिक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। सोमवार को कोर्ट संख्या-2 में न्यायमूर्ति एके सीकरी व यूयू ललित इस
लखनऊ। प्रेमी के साथ मिलकर सात परिजनों की हत्या करने वाली बावनखेड़ी कांड की खलनायिका शबनम की फांसी की सजा के मामले में दिल्ली की डेथ पेनाल्टी लेटिगेशन क्लीनिक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। सोमवार को कोर्ट संख्या-2 में न्यायमूर्ति एके सीकरी व यूयू ललित इस मामले में सुनवाई करेंंगे। बीते गुरुवार शाम मुरादाबाद के जिला कारागार में शबनम की फांसी का फरमान अमरोहा जिला अदालत से पहुंचा था। वहीं, दूसरी ओर शबनम और सलीम की मदद करने वाली दिल्ली की डेथ पेनाल्टी लेटिगेशन क्लीनिक संस्था ने दोनों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील कराने के लिए शबनम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। संस्था की श्रेया रस्तोगी ने बताया कि रविवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई। सोमवार को सुनवाई के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि वह पहले ही न्यायालय के आदेश की कॉपी जेल से ले चुकी हैं। संस्था के इस प्रयास से शबनम के लिए आशा की किरन जागी है। जेलर बीडी पांडेय ने भी संस्था के माध्यम से पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की पुष्टि की है। गौरतलब है कि 14 अप्रैैल 2008 की रात को अमरोहा के हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी में एक ही परिवार के सात लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने पांच दिन बाद सामूहिक नरसंहार को अंजाम देने वाली शिक्षक की बेटी शबनम व गांव के ही रहने वाले उसके प्रेमी सलीम को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया था।