यूपीटीयू अफसरों ने बेच डाला राज्य प्रवेश परीक्षा का डाटा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) के अधिकारी फिर एक नए विवाद के घेरे में हैं। वि
लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय (यूपीटीयू) के अधिकारी फिर एक नए विवाद के घेरे में हैं। विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों ने स्टेट एंट्रेंस एग्जाम (एसईई) के लिए आवेदन करने वाले करीब तीन लाख आवेदकों का पूरा ब्यौरा निजी संस्थानों को बेच दिया।
यूपीटीयू से संबद्ध करीब साढ़े सात सौ इंजीनिय¨रग और मैनेजमेंट कॉलेजों में प्रवेश के लिए पिछले महीने 18 व 19 अप्रैल को स्टेट एंट्रेंस एग्जाम का आयोजन किया गया था। इसमें प्रदेश भर से करीब तीन लाख अभ्यर्थियों ने शामिल होने के लिए आवेदन किया था। डाटा बेचने का मामला तब उजागर हुआ जब मंगलवार को यूपीटीयू में एडमिशन बोर्ड (कैब) की बैठक हुई। बैठक के दौरान कमेटी के एक सदस्य ने मामले से जुड़े तथ्य सबके सामने रखे। सदस्य का आरोप था कि एसईई-2015 के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत जानकारियों को एक-एक लाख रुपए में कई निजी संस्थानों को बेचा गया है।
कैब बैठक में जानकारी आने पर कार्यवाहक वीसी प्रो. ओंकार सिंह ने केएनआइटी के डायरेक्टर प्रो. रघुराज सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें आइईटी के एसोसिएट प्रोफेसर मनीष गौर और गिरीश चन्द्रा शामिल हैं। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो ओंकार सिंह ने स्वीकार किया कि मामला काफी गंभीर है। जांच कमेटी को अगले दस दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।