चौदह साल से फरार कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुस्लिम भेजे गए जेल
लखनऊ। चौदह साल से फरार चल रहे रायबरेली तिलोई विधायक मोहम्मद मुस्लिम ने मंगलवार को न्यायालय में आत्म
लखनऊ। चौदह साल से फरार चल रहे रायबरेली तिलोई विधायक मोहम्मद मुस्लिम ने मंगलवार को न्यायालय में आत्म समर्पण किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट बीरेन्द्र ¨सह ने आरोपी विधायक को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। विधायक की ओर से अधिवक्ताओं ने वारंट रिकाल एवं जमानत पर रिहा करने का प्रार्थनापत्र दिया। शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत का विरोध करते हुए सुनवाई के लिए समय मांगा तो न्यायालय ने जमानत की सुनवाई लिए छह मई की तारीख नियत की है।
लगभग डेढ़ दशक पूर्व सांप्रदायिक दंगा भड़काने और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के एक मामले में कांग्रेस विधायक के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायालय की तारीखों में यह लगातार गैर हाजिर होते रहे रायबरेली न्यायलय से जब दो मई को विधायक के विरुद्ध कुर्की वारंट जारी हुआ तो विधायक घबराए थे। कांग्रेस युवराज और अमेठी सांसद राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले तिलोई विधान सभा क्षेत्र के विधायक मोहम्मद मुस्लिम अमेठी की कांग्रेस राजनीति के महत्वपूर्ण योद्धा माने जाते हैं। विधायक की मुश्किलें अभी कम नहीं हैं। संपत्ति जब्त होने के डर से विधायक ने मंगलवार को न्यायालय मे आत्मसमर्पण कर दिया। न्यायालय ने विधायक को हिरासत में लेकर भेज दिया। आरोपी विधायक की ओर से अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र दिया गया।
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क्या था मामला
छह दिसंबर 2000 को तत्कालीन थानाध्यक्ष शिवरतनगंज ने एफआइआर में लिखा था कि उन्हें कस्बा इन्हौना में एक समुदाय के लोगों द्वारा तोड़फोड़ व प्रदर्शन की सूचना मिली थी। इस पर वह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ को खदेड़ दिया। उन्होंने तहरीर में बताया कि पुलिस के पहुंचने से पहले उपद्रवी संजय गुप्ता व शिवराज निवासी चिलौली के कारखाने में तोड़फोड़ कर चुके थे।
विवेचक द्वारा तिलोई विधायक मोहम्मद मुस्लिम, फहीम मोहम्मद, इजहार मोहम्मद व शान मोहम्मद के खिलाफ 29 जून 2001 को चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने मामले को संज्ञान मे लेकर आरोपियों को समन जारी किए। विधायक मुस्लिम के अलावा सभी आरोपियों ने जमानते करवायी। कांग्रेस विधायक के हाजिर न होने पर न्यायालय द्वारा कई बार जमानती वारंट एव गिरफ्तारी वारंट जारी किए। 14 साल से जानबूझकर हाजिर न होने पर शासकीय अधिवक्ता के अनुरोध पर एक मई को न्यायालय द्वारा विधायक की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था।