एटा जेल में मोबाइल पर बवाल, पथराव और लाठीचार्ज
एटा जिला जेल में बंद जैथरा तिहरे हत्याकांड के आरोपी के पास मोबाइल मिलने पर जमकर बवाल हुआ। कैदियों ने बंदी रक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और जमकर पत्थर चलाए। दो घंटे तक चले बवाल में जेलर भी घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने बंदियों पर जमकर लाठियां चलाईं।
लखनऊ। एटा जिला जेल में बंद जैथरा तिहरे हत्याकांड के आरोपी के पास मोबाइल मिलने पर जमकर बवाल हुआ। कैदियों ने बंदी रक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और जमकर पत्थर चलाए। दो घंटे तक चले बवाल में जेलर भी घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने बंदियों पर जमकर लाठियां चलाईं। इसके बाद हालात काबू में आ सके। घटना के बाद आला अफसरों का जेल पर जमावड़ा लगा रहा।
आज सुबह लगभग साढ़े सात बजे जेल में कैदियों की गिनती के बाद चेकिंग हुई। बैरक नंबर 15 में बंद आरोपी तिहरे हत्याकांड के आरोप मनोज से पास चार सिम और एक मोबाइल बरामद हुआ। पूछताछ चल रही थी, इसी बीच बंदियों का बंदी रक्षकों रघुवंशी व शिफ्तेहसन जाफरी से विवाद हुआ और उनकी पिटाई कर दी। इसका पता चलने पर जेलर अमरेंद्र त्रिपाठी सिपाहियों को लेकर मनोज की बैरक तक पहुंच गए। बंदियों ने एक बार फिर बंदी रक्षकों पर हमला कर दिया तथा जेलर से हाथापाई कर उनके अंगूठे की हड्डी तोड़ दी। स्थिति बिगड़ते देख जेल का सायरन बजा दिया गया। जेल के अधिकारियों ने बंदी रक्षकों को एकत्रित कर कैदियों पर काबू पाने का प्रयास किया तो पथराव होने लगा। इस दौरान कम से कम दर्जनभर लोग चुटैल हो गए। इनमें से 9 लोगों के गंभीर चोटें आईं हैं।
जेल में बवाल की सूचना पर डीएम निधि केसरवानी और एसएसपी सुरेंद्र कुमार वर्मा दल-बल के साथ पहुंच गए। पुलिस ने बंदियों पर लाठियां भाजी तब वे पीछे हटे। साढ़े ग्यारह बजे के लगभग मंडलायुक्त अलीगढ़ चंद्रकांत, डीआइजी गोविंद अग्रवाल के साथ मौके पर पहुंच गए, मगर तब तक हालातों पर काबू पा लिया गया। शाम तक मामले की एफआइआर दर्ज नहीं हो पाई थी। दो घंटे बाद पहुंची पुलिस जेल में दो घंटे तक बवाल होता रहा, मगर जिला पुलिस नहीं पहुंची। जबकि पुलिस लाइंस जेल के नजदीक स्थित है। बताया गया है कि जेल प्रशासन की ओर से जानकारी बाहर नहीं भेजी गई। पुलिस की इस भूमिका पर मंडलायुक्त ने सवाल उठाए हैं। डीआइजी गोविंद अग्रवाल ने कहा कि जेल में अब हालात काबू में हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीएम करेंगी पूरे मामले की जांच
जेल का निरीक्षण करने के बाद मंडलायुक्त ने बताया कि घटनाक्रम की जांच डीएम निधि केसरवानी करेंगी। इससे पहले डीएम ने एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेंद्र कुमार को जांच के निर्देश दिए थे।
मोबाइल चार्जिंग के दो सौ की मांग पर शुरू हुआ विवाद
बंदियों का आरोप है कि ज्यादा वसूली को लेकर बात आगे बढ़ी। बंदी रक्षक मोबाइल चार्ज कराने के लिए दो सौ रुपये की मांग कर रहे थे। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ और बैरिक में मारपीट हो गई।
सवालों में घिर गया जेल प्रशासन
- जब जेल में प्रवेश के दौरान चेकिंग होती है तो फिर जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा?
- मथुरा जेल में पिस्टल पहुंचने के बाद एलर्ट जारी हुआ था तो फिर पहले जांच क्यों नहीं हुई?
- बवाल होने पर पुलिस को तत्काल सूचना क्यों नहीं दी गई?