सुरेद्र कोली को फांसी की सजा आजीवन कारावास में तब्दील
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आ जनिठारी कांड के आरेपी सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा उम्र कैद में तब्दील हो गई। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कैदी के मूलभूत और मानवीय अधिकारों का हनन हुआ। डेथ वारंट जारी करने में नियम कानून का हनन हुआ। सरकार ने
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आ जनिठारी कांड के आरेपी सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा उम्र कैद में तब्दील हो गई। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कैदी के मूलभूत और मानवीय अधिकारों का हनन हुआ। डेथ वारंट जारी करने में नियम कानून का हनन हुआ। सरकार ने मामले में अनावश्यक रूप से देरी की। कोली की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मांग में दाखिल याचिका पर आज फैसला आना था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की बहस कल पूरी हो गई थी। पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स की तरफ से दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डा. डीवाई चंद्रचूड तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ कर रही है। याची ने कोली की दया याचिका निर्णीत करने में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा हुई देरी को आधार बनाया है। याची का कहना है कि देरी कर सरकार ने याची के जीवन के अधिकारों का उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उसकी फांसी को आजीवन कारावास में बदला जाए। रिम्पा हलधर केस में कोली को फांसी की सजा हुई है।