योगी सरकार के 120 अफसरों ने नहीं दिया संपत्ति का ब्यौरा
अवधि समाप्त होने के बाद भी 120 आइएएस अफसरों ने अपनी चल और तीस ने अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया। मुख्य सचिव ने तीन मई तक ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है।
लखनऊ (जेएनएन)। योगी सरकार ने सरकारी अफसरों से अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था। पहले 15 दिन का मौका दिया गया था और फिर अवधि बढ़ाई गई लेकिन, मंगलवार को ब्यौरा देने की अवधि समाप्त होने के बाद भी 120 आइएएस अफसरों ने अपनी चल और तीस ने अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया। मुख्य सचिव ने तीन मई तक इस सिलसिले में सभी विभागों के प्रमुख सचिवों से ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है।
नियुक्ति और कार्मिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग मुख्य सचिव के पास भी ब्यौरा भेजे होंगे तो वहां से आने में भी एक-दो दिन लग सकते हैं लेकिन, 120 आइएएस अफसर अपनी चल संपत्ति नहीं बता सके हैं। अचल संपत्ति का ब्यौरा तो अफसर हर साल जमा करते हैं। पहली बार उन्हें चल संपत्ति बताने को कहा गया था। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने 20 अप्रैल को दोबारा एक परिपत्र जारी करते हुए चल संपत्ति का विवरण उपलब्ध न कराने वाले आइएएस अफसरों से नाराजगी जताई।
उन्होंने 25 अप्रैल से पहले हर हाल में चल संपत्ति का विवरण उपलब्ध कराने को कहा। इसके बाद भी ब्यौरा नहीं मिला। अब मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने तीन मई को सभी प्रमुख सचिवों की एक बैठक बुलाई है। बार-बार निर्देश के बावजूद ब्यौरा न देने वाले अफसरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे लोगों की वार्षिक प्रविष्टि रोकी जा सकती है। इससे इंक्रीमेंट और पदोन्नति भी प्रभावित हो सकती है।
140 अफसरों के जारी हुए थे नाम
नियुक्ति और कार्मिक विभाग ने 21 अप्रैल तक चल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध न कराने वाले 140 अफसरों का नाम भी जारी किया है। इनमें अनुज कुमार विश्वनोई, अनिल स्वरूप, राजीव कुमार, देवेन्द्र चौधरी, कुंवर फतेह बहादुर, जेएस दीपक, नीरज कुमार गुप्ता, अविनाश कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार, दिनेश सिंह, प्रभाष कुमार झा, राजीव कपूर, हरीराज किशोर, अनंत कुमार सिंह, दुर्गा शंकर मिश्रा, डॉ. प्रभात कुमार, भूपेन्द्र सिंह, शालिनी प्रसाद, गुरदीप सिंह, अनीता भटनागर जैन, आलोक सिन्हा, बलविन्दर सिंह भुल्लर, उमेश सिन्हा, प्रभात कुमार सारंगी, अरुण सिंघल, अवनीश कुमार अवस्थी, लीना नंदन, संजीव कुमार मित्तल, सुनील कुमार, जीवेश नंदन, आलोक कुमार प्रथम, राजन शुक्ल, एमवीएस रामी रेड्डी, मनोज कुमार सिंह, टी. वेंकटेश,
अरविन्द कुमार, अनिल संत, एस राधा चौहान, शशि प्रकाश गोयल, देवेश चतुर्वेदी, डॉ. प्रशांत त्रिवेदी, मनोज सिंह, संजय आर भूसरेडडी, कल्पना अवस्थी, दीपक कुमार, सुधीर एम बोवड़े, अर्चना अग्रवाल, राजेश कुमार सिंह प्रथम, नरेन्द्र भूषण, अनुराग श्रीवास्तव, राजीव अग्रवाल, आलोक कुमार द्वितीय, मोहम्मद मुस्तफा, आमोद कुमार, अमृत अभिजात, आर. रमेश कुमार, नीतीश्वर कुमार, एम. देवराज, वी हेकाली झिमोमी, एस. सुंदरम एमके, अनिल कुमार सागर, अजय कुमार सिंह प्रथम, नीना शर्मा, विपिन कुमार द्विवेदी, नवदीप रिनवा, पी. गुरु प्रसाद, रवीन्द्र, संयुक्त समद्दर, सौरभ बाबू, मनीष चौहान,
रणवीर प्रसाद, दिनेश कुमार सिंह प्रथम, अपर्णा यू, शंभूनाथ, राकेश कुमार, विनोद कुमार शर्मा, राजीव रौतेला, रुद्र प्रताप सिंह, वीरेश्वर सिंह, चंद्रकांत पाण्डेय, ओम नारायण सिंह, सत्येन्द्र सिंह, वेद प्रकाश, विकास गोठलवाल, श्याम नारायण त्रिपाठी, यशवंत राव, अनामिका सिंह, रवि कुमार एनजी, विजय विश्वास पंत, लोकेश एम, गुर्राला श्रीनिवासुलू, नरेन्द्र सिंह पटेल, सुरेन्द्र विक्रम, अजय शंकर पाण्डेय, सेल्वा कुमार जे, डॉ. हृषिकेश भाष्कर यशोद, रवीन्द्र मधुकर गोडबोले, आलोक तिवारी, अभय, चैत्रा वी., नवीन कुमार जीएस, प्रभु नारायण सिंह, एस मुथु शालिनी, किंजल सिंह, डॉ.काजल, विद्या भूषण, सहदेव, राधेश्याम मिश्रा, वैभव श्रीवास्तव, अजीत कुमार, श्रीकांत मिश्रा, अखिलेश तिवारी, नेहा शर्मा,
संजय कुमार खत्री, भवानी सिंह खंगारौत, दुर्गा शक्ति नागपाल, इंद्र विक्रम सिंह, फैसल आफताब, नागेन्द्र प्रताप, नरेन्द्र प्रसाद पाण्डेय, अभिषेक सिंह-प्रथम, रवीश गुप्ता, नेहा प्रकाश, अमित सिंह बंसल, इंदुमती सी., संजीव सिंह, ए. दिनेश कुमार, प्रियंका निरंजन, अक्षय त्रिपाठी, अवनीश कुमार राय, निखिल टीकराम फुंडे, गौरांग राठी, ईशा दुहन, अरविन्द कुमार चौहान, आशीष कुमार, जोगिन्दर सिंह, महेन्द्र सिंह तंवर, पवन अग्रवाल, राजेन्द्र पेसिया और थमीम अंसरिया ए. के नाम हैं। इनमें सिर्फ 20 लोगों ने मुख्य सचिव के आदेश के बाद अपनी चल संपत्ति का ब्यौरा दिया और 120 लोगों ने अनेदखी कर दी है।