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सैफई महोत्सव पर हाईकोर्ट में जवाब तलब

उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सैफई महोत्सव को सरकारी खर्च पर न कराये जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने अभी कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है। कहा कि सरकार अपना पक्ष प्रतिशपथ पत्र के जरिए दाखिल

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 23 Dec 2014 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 23 Dec 2014 09:02 PM (IST)

लखनऊ। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सैफई महोत्सव को सरकारी खर्च पर न कराये जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है। अदालत ने अभी कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है। कहा कि सरकार अपना पक्ष प्रतिशपथ पत्र के जरिए दाखिल करे।

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राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता एच के भट्ट ने याचिका का विरोध किया और कहा कि प्रदेश में सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से सैफई महोत्सव आयोजित किया जाता है। कहा कि याचिका के आरोप गैर कानूनी व आधार हीन है।

न्यायमूर्ति अमरेंद्र प्रताप शाही व न्यायमूर्ति महेंद्र दयाल की खंडपीठ ने पिछले वर्षों से लंबित याची मनेन्द्र नाथ राय की जनहित याचिका पर यह आदेश दिए हैं। पहले से लंबित जनहित याचिका में अर्जी प्रस्तुत कर कहा गया कि आगामी 26 दिसंबर से होने जा रहे सैफई महोत्सव में राज्य सरकार, सरकारी खर्च पर न कराए। आरोप लगाया गया कि यह कार्यक्रम समाजवादी पार्टी का व्यक्तिगत कार्यक्रम है लिहाजा इसमें सरकारी धन का दुरुपयोग न किया जाए। याची के तर्क का कड़ा विरोध करते हुए सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष मनाया जाता है तथा इससे प्रदेश में सांस्कृतिक गतिविधियों व आम जनता को नई-नई जानकारियों से अवगत कराया जाता है। मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।


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