'घर वापसी' की तैयारियां टकराव तक पहुंचकर ठहरीं
लखनऊ। 25 दिसंबर को अलीगढ़ में प्रस्तावित 'घर वापसी' कार्यक्रम की तैयारियां टकराव के हालात तक पहुंचकर
लखनऊ। 25 दिसंबर को अलीगढ़ में प्रस्तावित 'घर वापसी' कार्यक्रम की तैयारियां टकराव के हालात तक पहुंचकर जहां की तहां ठहर गईं है। हालांकि हिंदूवादी संगठन अंतिम समय में रणनीति बदलने की तैयारी किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम के लिए कई टीमें बनाईं गई हैं। अगर मुख्य टीम को गिरफ्तार किया गया तो बैकअप टीम किसी दूसरी जगह कार्यक्रम करा सकती है। इसके लिए कई टीमें विकल्प के तौर पर तैयार की जा रही हैं। वैकल्पिक आयोजन स्थल भी तय हैं ताकि हर हाल में 'घर वापसी' पूरा किया जाए।
तीन दिन पूर्व विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन मंत्री चंपत राय ने लखनऊ में ब्रज क्षेत्र के प्रमुख हिंदू नेताओं की बैठक में कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की थी। सूत्रों के मुताबिक घर वापसी के कार्यक्रम में आने वाली बाधाओं पर रणनीति के तहत गोपनीय बैठकें तेज हो गई हैं। प्रदेश में एटा और कासगंज धर्मातरण के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं। अब तक जो लोग ईसाई से हिंदू बन चुके हैं उन्हें अन्य ईसाइयों से संपर्क करने को लगाया गया है। सूत्रों की मानें तो एटा जिले से कम से कम दो दर्जन ईसाइयों को घर वापसी के लिए अलीगढ़ लाने की तैयारी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक राजेश कुमार का कहना है कि कार्यक्रम धर्म जागरण समिति का है। समिति के काम में संघ का सीधा हस्तक्षेप नहीं है।
चौतरफा हमलों का जवाब
धर्मातरण बनाम घर वापसी के मुद्दे पर संगठन पर हो रहे चौतरफा हमलों का जवाब देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार तेवर दिखा चुका है। आगरा प्रकरण में हिंदूवादी नेताओं के यहां दी जा रहीं दबिश पर संघ परिवार ने एतराज जताया है। कल संघ और आनुषांगिक संगठनों के स्वयंसेवक व भाजपाइयों ने जुलूस निकालकर नारेबाजी की। 'घर वापसी' को लेकर प्रदर्शन में संघ, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच, अभाविप, संस्कार भारती, भारत विकास परिषद, भाजयुमो, स्वदेशी जागरण मंच, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, भाजपा महिला मोर्चा आदि संगठनों के लोग रहे।
संघ के जिला कार्यवाहमनोज गुप्ता ने कहा कि सरकार को धर्मातरण विरोधी कानून लाना चाहिए ताकि इस पर रोक लग सके। घर वापसी को धर्मातरण बताना गलत है। एटा में भाजपा नेता विपिन वर्मा 'डेविड' ने कहा कि अलीगढ़ में 25 दिसंबर को प्रस्तावित कार्यक्रम हिंदू संगठनों के परंपरागत तरीके से जुड़ा है। हर वर्ष जिला मुख्यालय पर होता है, मगर इस बार बेवजह बखेड़ा खड़ा कर दिया गया है। अगर लोग अपने घर वापस आते हैं तो इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए।