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गाजीपुर में पुलिस मुखबिर रहे मोती वनवासी की हत्या

लखनऊ। गाजीपुर में दो दशक पहले पुलिस के मुखबिर रहे मोती वनवासी (55) की सोते समय गोली मारकर हत्या कर द

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 09:18 PM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 09:18 PM (IST)
गाजीपुर में पुलिस मुखबिर रहे मोती वनवासी की हत्या

लखनऊ। गाजीपुर में दो दशक पहले पुलिस के मुखबिर रहे मोती वनवासी (55) की सोते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। भावरकोल क्षेत्र के ग्राम पंचायत बलुआ टप्पा शाहपुर के अमलाख मौजे में बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया। उन्होंने मोती की पत्नी समुद्री देवी को पीटकर दहशतजदा कर दिया। समुद्री की तहरीर पर पुलिस ने आज मनिया गाव के लालपरीखा और उसके भाई के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया।

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मोती वनवासी अमलाख गाव के बगीचे में झोपड़ी डालकर पत्नी के साथ रहता था। वह शूकर और बकरी पालन करता था। उसके दो बेटे अपनी पत्नी और बच्चों संग अलग-अलग स्थानों पर डेरा डालकर रहते हैं। गुरुवार की रात मोती व उसकी पत्नी समुद्री देवी झोपड़ी के बाहर जमीन पर प्लास्टिक बिछाकर सोए थे। रात करीब दो बजे बिजली गुल हो गई। इसी दौरान खूंटे में बंधी बकरी छुड़ा ली। समुद्री देवी जग गई और उसे बाधने लगी। इसी दौरान वहा पहुंचे दो बदमाशों ने समुद्री का मुंह बंद कर डंडे से पिटाई कर जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद पति मोती के पास पहुंचे और कनपटी पर गोली मार दी। मोती की मौके पर ही मौत हो गई। गोली की आवाज सुनकर कुछ दूरी पर झोपड़ी में सो रही मोती की बहू सरोज जग गई लेकिन बदमाशों की डर से चुप्पी ही साधे रही।

सुबह सीओ मुहम्मदाबाद अतुल चौबे, थानाध्यक्ष रामसिंह मौके पर पहुंचे और घटना के बारे में जानकारी ली। समुद्री देवी ने तहरीर में घटना के कारण का उल्लेख किया है। उसके मुताबिक नामजद आरोपियों को दो दशक पहले गिरफ्तार कराने में पति द्वारा पुलिस की मदद करने के प्रतिशोध में घटना को अंजाम दिया गया है।


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