बाघ को खोजने गंगा कटरी में उतरीं एक साथ 22 टीमें
लखनऊ। लखीमपुर, हरदोई, लखनऊ होते हुए उन्नाव-कानपुर गंगा कटरी में विचरण कर रहे बाघ को पकड़ने के लिए वन
लखनऊ। लखीमपुर, हरदोई, लखनऊ होते हुए उन्नाव-कानपुर गंगा कटरी में विचरण कर रहे बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की 22 विशेषज्ञ टीमें मैदान में उतर चुकीं हैं। हालांकि आज सुबह से चल रही खोजबीन में बाघ के पदचिह्न नहीं मिले हैं। वन विभाग की सभी टीमें एक साथ जंगल की कांबिंग में लगी हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि अभी बाघ कानपुर-उन्नाव गंगा कटरी में फैले जंगल में ही कहीं दुबका है।
उल्लेखनीय है कि आखिरी बार बाघ उन्नाव के पहाड़ीपुर के पास देखा गया था। दुधवा नेशनल पार्क के फारेस्टर आफताब वली ने बताया कि 25 नवंबर को बाघ ने गंगा बैराज में नीलगाय का शिकार किया था। इसके बाद उसी के कंकाल में छिपकर बैठ गया। यह अच्छा तैराक भी होता है। एक बार शिकार के बाद बाघ को चौथे दिन शिकार की जरूरत पड़ती है। उन्नाव में उसे शिकार किए चार दिन गए हैं इसलिए आज शिकार पर निकलने की संभावना है।