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लखनऊ महोत्सव : नवाबों की नगरी में राजस्थानी तड़का

लखनऊ। तेल में लाल होता मिर्ची पकौड़ा हो या पनीर टिक्का या फिर तवे पर गोल होता डोसा। लखनऊ महोत्सव में

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 04:55 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 04:55 PM (IST)

लखनऊ। तेल में लाल होता मिर्ची पकौड़ा हो या पनीर टिक्का या फिर तवे पर गोल होता डोसा। लखनऊ महोत्सव में जायके के शौकीन लोगों के लिए बनाए गए फूड जोन में यही माहौल है। यह शहर तो वैसे भी कई तरह के लजीज व्यंजनों के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन लखनऊ महोत्सव में देश के कई प्रातो से आए लोगों ने अपने पकवानों की खुशबू से महोत्सव का माहौल में और रौनक ला दी है।

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बढ़ी मिर्ची पकौड़े की माग

आपड़ों राजस्थान के नाम से महोत्सव में करीब दस वर्ष से लगातार राजस्थानी फूड की स्टाल लगाते चले आ रहे बलबीर सिंह बताते हैं महोत्सव में घूमने आ रहे लोग राजस्थानी प्याज की कचौड़ियों के साथ ही मिर्ची के पकौड़ों की ज्यादा माग कर रहे है। वहीं मीठे में देशी घी से बने घेवर वा मूंग दाल हलवा भी लोगों को बेहद भा रहा है। राजस्थान से आए विक्रेता महेंद्र पाल बताते हैं कि उनके यहा प्याज कचौड़ी साठ रुपये प्लेट, चूरमा चालीस रुपये प्लेट, पनीर टिक्का पचास रुपये प्लेट, देशी घी की घेवर पचास रुपये पीस मिल रही है।

मक्के दी रोटी ते सरसों दा साग

महोत्सव में दस-पंद्रह वर्ष से पाव भाजी, डोसा, गुलाब जामुन आदि का स्टाल लगाते चले आ रहे सदर बाजार से मास्टर सेफ के मालिक महेंद्र पाल बताते हैं कि इस बार इनकी दुकान पर खास तौर से सरसों का साग व मक्के की रोटी भी शौकीनों को परोसने के लिए तैयार है। जो कि सत्तर रुपये प्लेट के हिसाब से स्टाल पर उपलब्ध है।

हलुआ पराठा संग खोया-दूध

अलीगढ़ के झारिया सिंह महोत्सव में हलुआ पराठा संग कढ़ाई में गर्म किया हुआ खोया दूध व खाजा तैयार करने में व्यस्त हैं। झारिया सिंह बताते हैं कि जो भी एक बार इस व्यंजन को चखा है तारीफ करे बिना नही रह सका है।

केसरिया दूध व गाजर का हलवा

कानपुर से आए राजा भाई बताते हैं कि वह महोत्सव में कई वर्षो से लगातार आ रहे हैं। इनकी स्टाल पर गर्मागर्म गाजर के हलवे के साथ ही केसरिया दूध भी उपलब्ध है। केसरिया दूध बीस रुपये ग्लास है वहीं गाजर हलवा भी बीस रुपये प्लेट मिल रही है।

जलवा बिखेर रहे बिरयानी व कबाब

वाहिद बिरयानी व मशहूर टुंडे के कबाब की स्टाल पर तो पूरे दिन ग्राहकों का आना जाना लगा रहा। यहा कोई आकर खाना पसंद कर रहा था तो कोई घर पैक करवा कर भी ले जा रहा है। वहीं चिकन, मटन, शाही कबाब, शाही टुकड़ा, गिलौटी कबाब के साथ मत्स्य व्यंजन की दुकानों पर भी नानवेज के शौकीनों की अच्छी, खासी भीड़ लग रही है।ं

पानी के बताशे व चाट

महोत्सव प्रागण में इस समय कई जगह पर लगे पानी के बताशे की स्टाल पर तो युवतियों व महिलाओं का डेरा है। वहीं भेलपुरी की भी कई एक दुकाने लग गई हैं। वहीं, चटपटा व तीखा खाने के शौकीन लोगों के लिए पिंडी के छोले भटूरे की स्टाल भी सज चुकी है।


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