साल भर में क्योटो की तर्ज पर विकसित हो जाएगा काशी
लखनऊ। काशी के कायाकल्प की समय सीमा तय कर ली गई है। क्योटो की तर्ज पर एक वर्ष में काशी
लखनऊ। काशी के कायाकल्प की समय सीमा तय कर ली गई है। क्योटो की तर्ज पर एक वर्ष में काशी का विकास हो जाएगा। जापान ने इसके लिए तैयारी कर ली है। क्योटो के उप महापौर के कासागवारा के नेतृत्व में छह सदस्यीय जापानी दल वाराणसी का अध्ययन करने के लिए आज यहां पहुंचा। भारत व जापान के बीच समझौते के बाद जापानी दल का यह पहला दौरा है।
जापानी दल, शहर का निरीक्षण कर उपलब्ध संसाधन, प्रबंधन के साथ ही विकास की संभावनाओं की रिपोर्ट तैयार कर जापान सरकार को देगा जिसके आधार पर विकास का व्यापक रोड मैप तैयार कर भारत सरकार से जापान सरकार साझा करेगी। यह काम एक माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए 35 खरब रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है। इसमें निजी कंपनियों के साथ ही जापान सरकार निवेश करेगी। इसके बाद भारत सरकार की सहमति मिलने पर संभावना है कि दिसंबर माह से इसपर कार्य शुरू हो जाएगा।
क्योटो के डिप्टी मेयर केनची कासागवारा ने बताया कि भारत व जापान के बीच संस्कृति, कला, शिक्षा क्षेत्र, ऐतिहासिक धरोहरों, मंदिरों के संरक्षण व शहर विकास आदि बिंदुओं पर समझौता हुआ है। इसके तहत दोनों देशों द्वारा एक विस्तृत रोडमैप तैयार कर स्मार्ट हेरिटेज सिटी योजना बनाई जाएगी। बताया कि क्योटो के मेयर दाईसाकु काडोकावा व काशी के महापौर रामगोपाल मोहले के बीच एमओयू (दो देशों के बीच समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर हुए हैं, उसके तहत दोनों शहर समस्याओं, समाधान के सुझाव समेत अन्य जानकारियां व सूचनाएं एक-दूसरे से आदान-प्रदान करेंगे।
नई काशी बसाने की योजना
गंगा के दोनों किनारों पर शहर बसाने की योजना है। इसके तहत पुरानी काशी की ऐतिहासिकता को ध्यान में रखकर विकास होगा। आधुनिक काशी गंगा उसपार बनाने की योजना है। गंगा में प्रतिवर्ष बाढ़ आती है, इसके लिए बड़ी योजना बनेगी।
टावर से देखेंगे शहर की भव्यता
गंगा के बीच एक टावर भी बनाने की योजना है। इसपर खड़े होकर पर्यटक गंगा के सुंदर घाट व अन्य खूबसूरत स्थान देख सकेंगे।
सालिड वेस्ट से बिजली उत्पादन
भावी योजनाओं को साझा करते हुए क्योटो के उप महापौर ने बताया कि यहां के सालिड वेस्ट से बिजली उत्पादन की योजना है। इससे खाद भी बनाएंगे।