यूपी में फिर शुरू होंगे सचल अस्पताल
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। ग्रामीण इलाकों के गरीबों को उनके घर पर ही इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने क
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। ग्रामीण इलाकों के गरीबों को उनके घर पर ही इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार जल्द ही फिर से मोबाइल हास्पिटल (सचल चिकित्सालय) सेवा करेगी। इस सेवा में 250 चिकित्सालय चलाए जाएंगे जिसकी शुरुआत मिर्जापुर, चंदौली, आजमगढ़ और चित्रकूट जिलों से होगी।
इससे पहले बसपा सरकार ने एनआरएचएम के धन से 'महामाया सचल अस्पताल' शुरू करने की योजना बनायी थी। वर्ष 2010 में कुछ जिलों में परीक्षण शुरू हुआ लेकिन परवान चढ़ने से पहले योजना बंद हो गयी। अब समाजवादी सरकार ने नए सिरे से 250 मोबाइल हास्पिटल सेवा शुरू करने का फैसला किया है। पहले चरण में दुर्गम क्षेत्रों में सेवा शुरू होगी। स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने बताया कि मोबाइल चिकित्सालय दुर्गम क्षेत्रों के गांवों में जाकर मरीजों का उनके घर पर इलाज करेंगे। गंभीर रोगियों को भर्ती कराने के लिए एम्बुलेंस का इंतजाम भी करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एनआरएचएम में सचल अस्पताल चलाने की व्यवस्था है। तत्कालीन बसपा सरकार ने इस दिशा में काम नहीं किया। उनकी सरकार मुफ्त इलाज के वायदे को पूरा करने के लिए जल्द ही सचल अस्पताल शुरू कर देगी।
ये सुविधा होगी : सचल अस्पताल का नेतृत्व एमबीबीएस डॉक्टर के हाथ में होगा। उनकी मदद के लिए एक फार्मासिस्ट, एएनएम, आशा बहू, वार्ड ब्वाय भी तैनात होंगे। अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन होगी। इसमें मलेरिया, टीवी जाच के लिए खून के नमूने जमा करने की भी सुविधा होगी। टीकाकरण, वायरल और संक्रामक रोगों में कारगर दवाएं भी वितरित की जाएंगी।
अस्पताल पर रहेगी नजर : सचल अस्पताल में तब्दील होने वाली बड़ी एम्बुलेंस जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) सुविधा से लैस होगी। इसमें बायोमीट्रिक सिस्टम भी होगा। डॉक्टर व कर्मचारियों की इसी के जरिए उपस्थिति दर्ज की जाएगी। सिस्टम का सर्वर लखनऊ में होगा, जहां से सचल अस्पताल की निगरानी भी की जा सकेगी।