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यूपी में विज्ञान-गणित शिक्षक नियुक्ति पर रोक

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर हाईस्कूलों में चल रही 29334 विज्ञान-गणित शिक्षकों की

By Edited By: Published: Fri, 19 Sep 2014 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 08:19 PM (IST)
यूपी में विज्ञान-गणित शिक्षक नियुक्ति पर रोक

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर हाईस्कूलों में चल रही 29334 विज्ञान-गणित शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यह आदेश बेसिक शिक्षा परिषद को दिया है। कोर्ट ने कहा है कि काउंसिलिंग पूरी करा ली जाए लेकिन भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाए। भर्ती प्रक्रिया में रोक लगने का कारण प्रोफेशनल कोर्स वाले अभ्यर्थी हैं। इन अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी। उसी मामले में निर्णय सुनाया गया। अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।

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सत्येंद्र कुमार सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें कहा गया है कि 23 अगस्त 2013 के शासनादेश के तहत प्रोफेशनल डिग्री धारी मसलन बीएससी एजी, बीटेक, बीसीए, बीबीए, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस एवं बी फार्मा जूनियर शिक्षक भर्ती में योग्यता नहीं रखते हैं परंतु हजारों अभ्यर्थियों ने गलत आवेदन किए हैं। कोर्ट को बताया गया कि इस पद पर भर्ती के लिए स्नातक में विज्ञान एवं गणित में से एक विषय अनिवार्य रूप से होना चाहिए लेकिन प्रोफेशनल कोर्स वालों के साथ ऐसा नहीं है। इसलिए इन्हें भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाए। न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल ने यह आदेश दिया है। अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।

प्रमोशन से भरे जाएं पद

प्रदेश सरकार जूनियर स्कूलों में विज्ञान-गणित के 29334 शिक्षकों की भर्ती करा रही है। भर्ती प्रक्रिया शुरू होने पर मऊ के शिक्षक अनिल कुमार सिंह ने अगस्त में हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। उसमें अनिल कुमार का तर्क था कि यह पद सीधी भर्ती से नहीं बल्कि प्रमोशन से भरे जाएं। इससे शिक्षकों का हक मारा जा रहा है। न्यायमूर्ति राकेशकुमार ने मामले में नियुक्ति पर रोक लगा रखी है।

अलग-अलग नियम

विज्ञान-गणित शिक्षकों की भर्ती शुरू होने के बाद मेरठ के शिक्षक योगेश कुमार शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि कला वर्ग की सीटें शिक्षकों के प्रमोशन से भरी जाती हैं और विज्ञान-गणित में आधी सीटें सीधी भर्ती से और आधी प्रमोशन से भरी जा रही हैं। ऐसे में एक ही भर्ती में अलग-अलग नियम क्यों है। इस पर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी एवं न्यायमूर्ति अश्विनी मिश्रा की खंडपीठ ने नियुक्ति पर रोक लगा दी है।


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