लव जिहाद पर देवबंदी फतवे को एएमयू विद्वानों का समर्थन
लखनऊ। लव जिहाद पर देवबंदी फतवे का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कई विद्वानों ने भी समर्थ
लखनऊ। लव जिहाद पर देवबंदी फतवे का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कई विद्वानों ने भी समर्थन किया है। कहा है, कोई मुस्लिम हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर शादी करता है तो यह सरासर धोखा है। ऐसा शख्स मुसलमान कहलाने का हकदार नहीं है। उसकी समाज में भी कोई जगह नहीं।
एएमयू के सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर व मुफ्ती जाहिद खान, अहसान उल्लाह सहाद व मोहम्मद सलीम ने देवबंद के फतवे की तारीफ की। तीनों विद्वानों ने कहा, अगर कोई मुस्लिम ऐसी हरकत करता है तो इस्लाम में उसे जायज नहीं, हराम कहा गया है। ऐसा करके वो समाज को भी धोखा दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोई मुस्लिम लड़का अगर हिंदू बताकर हिंदू लड़की से शादी करता है या हिंदू लड़का मुस्लिम बनकर किसी मुस्लिम लड़की से निकाह करता है तो यह समाज बांटने वाला काम है। हिंदू लड़की के साथ कोई ऐसा करे तो उसकी जानकारी दें, उसे समझाएंगे। नहीं मानेगा तो कड़ी कार्रवाई करेंगे।
प्रो. खान ने 'लव जिहाद' के नामकरण की आलोचना की। कहा, एक ओर दुनिया चांद पर जा रही है, हम लव जिहाद की बातें करके समाज बांटने में लगे हैं। ऐसा करके दुनिया हमें किस नजरिये से देखेगी? देश इस वक्त पहले से ही कई मुसीबतों से जूझ रहा है। जम्मू-कश्मीर में जल प्रलय कहर ढा रही है। कई जिलों में सूखे की मार है। उन्होंने हिंदू-मुस्लिमों से एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देने का आह्वान भी किया।