यूपी की गंगा में मूर्ति विसर्जन पर लगने लगी रोक
लखनऊ। पतित पावनी गंगा को पवन रखने के लिए विभिन्न पर्वो पर गंगा में मूर्तियां विसर्जन का क्रम अब थमने
लखनऊ। पतित पावनी गंगा को पवन रखने के लिए विभिन्न पर्वो पर गंगा में मूर्तियां विसर्जन का क्रम अब थमने लगा है। जागरण द्वारा कई वर्षो से चलाए जा रहे भू-विसर्जन अभियान का प्रभाव अब फतेहपुर, कन्नौज, रायबरेली, बदायूं, बुलंदशहर, इलाहाबाद और वाराणसी समेत ज्यादातर गंगा तटीय जिलों में कहीं आंशिक कहीं पूर्ण रूप से नजर आने लगा है। प्रशासन भी इसके लिए सक्रिय भूमिका में दिखा रहा है। उसने कई जिलों में प्लास्टर आफ पेरिस के बजाय मिंट्टी की मूर्तियां बनाने का फरमान जारी कर रखा है। कुछ जिलों में गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई गई है। इससे इतर लोग स्वयं मूर्तियों को प्रवाहित करने के बजाय गंगा तट पर भू-विसर्जन कर रहे हैं। फतेहपुर के भृगुधाम भिटौरा के महंत के अनुसार भू-विसर्जन शास्त्र सम्मत है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा रखी है।
गंगा को निर्मल रखने का अभियान अब जन-जन का अभियान बन चुका है। इसके चलते बुलंदशहर प्रशासन ने गंगा में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। बदायूं में मूर्तियों के भू-विसर्जन का फैसला लिया गया है। हापुड़ में एक गांव के तालाब में मूर्ति विसर्जन किया जा रहा है। फतेहपुर में भृगुधाम में विगत वर्षो से मूर्ति भू-विसर्जन का क्रम चल रहा है।
बदायूं में गणेश मूर्तियों की स्थापना से पूर्व जगतगुरू रामानुजाचार्य स्वामी रामचंद्राचार्य की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में यहां मूर्तियां गंगा में विसर्जित करने के बजाय उनका भू-विसर्जन करने का फैसला लिया गया।
बुलंदशहर के गुलावठी नगर में भगवान श्रीगणेश की नगर परिक्रमा को पूर्वानुमति न लेने के कारण प्रतिबंधित कर प्रशासन ने गंगा में विर्सजन पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन आयोजकों को कानून का पाठ पढ़ाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे दी। मूर्ति ब्रजघाट गंगा में विसर्जित करने पर भी पाबंदी लगी। इसके बाद हापुड़ जनपद के सिखेड़ा गांव के तालाब में प्रतिमा विसर्जन किया गया। स्थानीय पुलिस ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया। गंगा-यमुना में प्रतिमा का विसर्जन नहीं करने दिया जाएगा।