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गन्ना भुगतान के लिए भाकियू का चक्का जाम

लखनऊ। बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भाकियू का चार घंटे का चक्का जाम भाकियू के प्रभाव वाले

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 08:16 PM (IST)
गन्ना भुगतान के लिए भाकियू का चक्का जाम

लखनऊ। बकाया गन्ना भुगतान को लेकर भाकियू का चार घंटे का चक्का जाम भाकियू के प्रभाव वाले जिलों में असरदार रहा। मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल में मुख्य मार्गो पर गुरुवार को किसानों का कब्जा रहा। लोग घंटों जाम में फंसे रहे। पुलिस और किसानों में कई जगह नोकझोंक भी हुई। मुजफ्फरनगर में युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया। बागपत बिजनौर को छोड़कर कहीं भी रेल मार्ग जाम नहीं करने से ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ती रहीं।

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नोएडा में गुरुवार को भाकियू के बैनर तले किसान सुबह दस बजे परी चौक पहुंचे और मिल मालिकों व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसानों ने चक्का जाम कर दिया। इससे सड़क पर तीनों तरफ से वाहनों का आवागमन बंद हो गया। उमस भरी गर्मी में जाम में फंसे लोग बिलबिलाते रहे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बावजूद किसान सड़क पर धरना देकर बैठ गए। करीब ढाई घंटे तक सड़क पर जाम लगा रहा। इस दौरान पुलिस ने रूट डायवर्ट कर वाहनों को सेक्टरों के अंदर की सड़कों से निकालने का प्रयास किया, लेकिन चालक वाहनों के साथ सड़कों पर भटकते रहे।

भाकियू जिलाध्यक्ष अजयपाल शर्मा ने कहा कि अब मिल मालिकों के संस्थानों के ताले नहीं खुलने दिए जाएंगे। शुक्रवार को किसान नोएडा में उत्ताम टोयटा में लगे ताले की जांच करेंगे। गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर मोदी चीनी मिल के सामने एवं काजमपुर गेट के साथ ही मोदीनगर-हापुड़ मार्ग पर भाकियू ने जाम लगाया। राज चौराहा एवं काजमपुर गेट पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम के मद्देनजर पुलिस ने कई स्थानों से यातायात डाइवर्जन भी किया।

भाकियू ने सहारनपुर और मेरठ मंडल के सभी जिलों में स्टेट और नेशलन हाइवे पर दो बजे तक चक्का जाम कर प्रदेश सरकार के पुतले फूंके। हापुड़ में सिंभावली शुगर मिल पर किसानों ने ताले डाल दिय। मुजफ्फरनगर में युवक ने आत्मदाह का प्रयास किया, जबकि 6 किसानों ने आत्मदाह की चेतावनी दी। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि जाम लगाना हमारी मजबूरी है हम जाम के पक्षधर नहीं हैं। बागपत और बिजनौर में कार्यकर्ताओं ट्रेनें रोकीं। सभी जिलों में आला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया।

मुरादाबाद में किसानों ने मूंढापांडे, छजलैट, ठाकुरद्वारा, बिलारी और चंदौसी पर रोड जाम कर नारेबाजी की। अमरोहा में भी कई जगह जाम लगाकर प्रदर्शन किया। गजरौला, हसनपुर और मंडीधनौरा में हाइवे तकरीबन दो घंटे तक जाम की गिरफ्त में रहा। रामपुर में गन्ना भुगतान की मांग को लेकर ट्रेन रोकने जाते पांच सौ किसानों को शहजादनगर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें दो घंटे बाद छोड़ दिया गया। सम्भल के चंदौसी में भी किसानों ने प्रदर्शन का गन्ना मूल्य भुगतान की मांग की।

बाराबंकी में भाकियू के दो गुटों ने अलग- अलग प्रदर्शन किया। एक गुट ने लखनऊ राजमार्ग जाम कर जमकर नारेबाजी की तो दूसरे गुट ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। लखनऊ मार्ग पर घंटों आवागमन अवरुद्ध रहा। लखीमपुर में गुस्साए किसानों ने मुख्य मार्गो से जुलूस निकालकर चक्का जाम कर दिया। चीनी मिलों व प्रदेश सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की। गोंडा में भाकियू दे गोंडा-उतरौला मार्ग दो घंटे तक जाम रखा। बहराइच भाकियू ने महापंचायत कर चक्का जाम करने की चेतावनी दी तो श्रावस्ती में बौद्ध परिपथ पर चक्का जाम कर प्रदर्शन किया गया। सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर में भी चक्का जामकर विरोध प्रदर्शन किया गया। फैजाबाद भाकियू ने गन्ना साधन सहकारी समिति परिसर में पंचायत की।


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