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यूपी के दर्जनभर जिलों में बाढ़ से तबाही, सैकड़ों गांव जलमग्न

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ से तबाही शुरू हो गई है। सैकड़ों गांव और ह

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 08:07 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 08:07 PM (IST)
यूपी के दर्जनभर जिलों में बाढ़ से तबाही, सैकड़ों गांव जलमग्न

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बाढ़ से तबाही शुरू हो गई है। सैकड़ों गांव और हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। कटान से कई मार्ग कटकर बह गए जिससे आवागमन बाधित हो गया है।

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बलरामपुर में आज भी राप्ती के कहर से संपर्क मार्गो का कटना जारी रहा। राप्ती लाल निशान से 32 सेमी. ऊपर बह रही है। नंदमहरा गांव के समीप तटबंध कटने से आसपास के डेढ़ दर्जन से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। अंबेडकरनगर में घाघरा नदी का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से नीचे खिसक रहा है। टाडा कस्बे समेत दर्जन भर गावों में पानी घुस गया। गोंडा में सरयू व घाघरा नदियों का जलस्तर कम होते ही कटान तेज हो गई है। बाढ़ की जद में आने से तरबगंज व कर्नलगंज तहसील के 33 गांव प्रभावित हैं। बहराइच में बाढ़ में मृतकों की संख्या 25 हो गई है। श्रावस्ती में राप्ती नदी के एक बार फिर से बढ़ने से लोग दहशत में है। बाराबंकी में गोंडा व बहराइच जाने वाले मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू नहीं हो सका। घाघरा खतरे के निशान से एल्गिन ब्रिज पर 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। सवा सौ से अधिक गांव जलमग्न हैं। बाढ़ के पानी में डूबकर महादेवा मार्ग पर एक युवक की मौत हो गई। इसके साथ ही बाढ़ से मरने वालों की संख्या चार हो गई है। फैजाबाद, सीतापुर और लखीमपुर में कटान से हालात बिगड़ने लगे हैं।

कुशीनगर जिले में नारायणी का कहर जारी है। खड्डा क्षेत्र में पिपरा-पिपरासी बांध किनारे बसे गांवों में रहने वाली करीब 1500 की आबादी फंसी हुई है। आजमगढ़ में घाघरा नदी के जलस्तर में वृद्धि का क्रम लगातार जारी है। सभी 134 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। मऊ में घरों में घुसने लगा घाघरा का पानी। स्कूल भी घिरे, विद्यालयों में छुट्टी। हाहानाला पर 1998 का रिकार्ड छूने की ओर घाघरा। 16 साल बाद वहां खतरे का निशान पार करने वाली घाघरा के कहर से हर ओर दहशत। बलिया में घाघरा के जलस्तर में अनवरत वृद्धि, टीएस बंधा पर दबाव कायम, आदमपुर से लिलकर तक रिंग बंधे में हो रहे रिसाव को रोकने का काम शुरू हो गया है। गंगा के जलस्तर में घटाव के साथ ही कटान तेज होने से लोगों में भय है।


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