आश्रम बंद कराने का एलान
लखनऊ। शाहजहांपुर की बेटी द्वारा आसाराम बापू के खिलाफ संघर्ष का मोर्चा खोलने पर अब वहां के साधक
लखनऊ। शाहजहांपुर की बेटी द्वारा आसाराम बापू के खिलाफ संघर्ष का मोर्चा खोलने पर अब वहां के साधक भी मुखर हो उठे हैं। नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की बीमारी का खुलासा होने के बाद बचे-खुचे साधकों ने भी उनके बहिष्कार का फैसला कर लिया। बुधवार को बैठक कर रुद्रपुर स्थिति आश्रम और आसाराम की पूजा बंद कराने के लिए गुरुवार से आंदोलन का एलान कर दिया।
बेहद गोपनीय बैठक में दुष्कर्म प्रकरण की विस्तृत चर्चा के बाद साधकों ने आसाराम को नारी जाति व भारतीय संस्कृति का शत्रु बताते हुए उनके विरोध को संकल्प लिया गया। साधकों ने रुद्रपुर स्थिति आश्रम और वहां चल रही आसाराम की पूजा बंद कराने का फैसला लिया। आठ साल पूर्व आसाराम से दीक्षा लेने वाले साधक शिवनाथ ने कहा कि इंदौर, अहमदाबाद, राजस्थान समेत कई प्रांतों में आसाराम के आश्रम ढहा दिए गए, लेकिन पीड़ित बेटी के शहर में प्रशासन ने न तो आश्रम बंद कराया और न पूजा। उल्टे पुलिस आसाराम की पूजा कराने में पूरी मदद कर रही है। पीड़िता के पिता के साथ 11 वर्ष पूर्व दीक्षा लेने वाले साधक मास्टर कृष्ण कुमार ने कहा कि आसाराम पीडोफिलिया बीमारी से ग्रसित हैं, जो 'शैतान' से कम नहीं।
दाउदपुर निवासी साधक अशोक सिंह ने भी आसाराम का साथ छोड़ने का एलान करते हुए साथी साधकों से भी उनके विरोध का आह्वान किया। साधक प्रेमचंद ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन का एलान करते हुए कहा कि हमारे शहर की बेटी ने इतना बड़ा साहस दिखाया है। अब हम भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह 11 बजे कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन शुरू होगा जो तीन सूत्रीय मांगपत्र का निस्तारण न होने तक जारी रहेगा।
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