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5 गाँव में चुनाव का बहिष्कार

महरौनी (ललितपुर) : विधानसभा महरौनी के कुछ गाँवों में ग्रामीणों ने माँगें पूरी न होने पर विधानसभा चुन

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 01:32 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 01:32 AM (IST)
5 गाँव में चुनाव का बहिष्कार
5 गाँव में चुनाव का बहिष्कार

महरौनी (ललितपुर) : विधानसभा महरौनी के कुछ गाँवों में ग्रामीणों ने माँगें पूरी न होने पर विधानसभा चुनाव 2017 के मतदान का बहिष्कार कर दिया। प्रशासन ने ग्रामीणों को मनाने के कई प्रयास किये, लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे।

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महरौनी तहसील क्षेत्र से कई गावों को नवनिर्मित गठित तहसील पाली में जोड़ दिया गया था, जिससे उक्त गाँव के ग्रामीण 2 वर्ष से लगातार पुन: महरौनी तहसील में जोड़ने की उठाते आ रहे थे। चूँकि ग्रामीणों को पाली तहसील मुख्यालय पहुँचने के लिए 60 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। साथ में नवनिर्मित तहसील तक पहुँचने के लिए कोई सीधा सुगम मार्ग भी नहीं है। इन गावों की महरौनी तहसील से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी है। आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष विधानसभा चुनाव बहिष्कार का इरादा मतदान के काफी पहले स्पष्ट कर दिया था। ग्राम बारचौन, सक्तू, बमराना, गदनपुर, पारौल के ग्रामीण अपने मत अधिकार का प्रयोग करने पोलिंग बूथों पर नहीं पहुँचे, जिससे पोलिंग बूथों पर सन्नाटा पसरा रहा। प्रशासन के आला दर्जा अधिकारी असन्तुष्ट ग्रामीणों को मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन उनके सभी प्रयास असफल हो गये। बमराना गाव में बसपा प्रत्याशी असन्तुष्ट ग्रामीणों को मनाने पहुँचे, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक न सुनी और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

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महरौनी कस्बा में 65 प्रतिशत मतदान

महरौनी : विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के तहत महरौनी कस्बा में मत अधिकार के प्रति बड़ी जागरूकता देखने को मिली। सुबह से ही पोलिंग बूथों पर कस्बावासी मतदान करने के लिए कतारों में नजर आये। कस्बा के मतदाताओं के लिए 13 बूथ बनाये गये, जिसमें 7 हजार 6 सौ 58 मतदाताओं ने उत्साह पूर्वक अपने मत का प्रयोग किया। कस्बा में 65 प्रतिशत मतदान रहा।

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बुजुर्ग व दिव्याग ने मतदान कर लोगों को दिया सन्देश

महरौनी : लोकतन्त्र को मजबूत करने के लिए मतदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्ग व दिव्याग व्यक्तियों ने अपने मत का प्रयोग करके लोगों को सकारात्मक संदेश देते नजर आये। कई जगह दिव्याग, वृद्ध पुरुष व महिलाएं अपने बच्चों के साथ साइकिल पर बैठकर मतदान करने पोलिंग बूथ पर पहुँचे और अपने मत अधिकार का प्रयोग किया। ग्रामीणों क्षेत्रों में मतदान के प्रति बढ़ी सजगता दिखाई दी। और कई जगह पोलिंग बूथों पर लोगों की भीड़ नजर आयी।

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महिलाओं में दिखा मतदान के प्रति उत्साह

महरौनी : प्रशासन ने बड़े स्तर पर मतदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित किये। इस जागरुकता कार्यक्त्रम में विद्यालय व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी निभा कर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में नुक्कड़-नाटक का प्रदर्शन करके लोगों को मतदान का महत्व बताया। इन सभी प्रयासों के परिणाम स्वरूप कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं में मतदान के प्रति बड़ा उत्साह नजर आया। ग्रामीणों के अनुसार मतदाता महिलाओं ने अपने घरेलू कार्य छोड़कर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सबसे पहले पोलिंग बूथों पर पहुंच कर अपने मत अधिकार प्रयोग किया।

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पहली बार किया युवाओं ने मत अधिकार का प्रयोग

महरौनी : लोकतन्त्र के चुनाव रूपी महायज्ञ में युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मतदान के दिन युवाओं ने घर-घर जाकर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक कर पोलिंग बूथों तक मतदान करने के लिए पहुंचने की अपील की। वही पहली बार मतदान करने वाले युवा बड़े उत्साहित दिखे।

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-- मतदान बहिष्कार में साथ में जोड़ें--

पारौल में सूना पड़ा रहा मतदान केन्द्र

डोंगरा खुर्द : महरौनी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पारौल में लोगों ने मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया। मतदान के लिए निर्धारित समय 5 बजे तक गाँव के किसी भी मतदाता ने मतदान का प्रयोग नहीं किया। गौरतलब है कि पारौल के वाशिन्दे गाँव को पाली तहसील में हटाकर मड़ावरा तहसील में शामिल किए जाने की माँग उठाते आ रहे थे। इस सम्बन्ध में ग्रामीणों द्वारा समय-समय पर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपे गए थे। यह भी माँग थी पारौल से बरखेरा के लिए पुल बनाया जाए और हमारे गाँव के बीच एक इण्टर कॉलिज खुलवाया जाए, ताकि हमारे बच्चे पढ़-लिख सकें।

क्षेत्र के पोलिंग बूथ पर सुबह से मतदान कर्मी मतदाताओं का इन्तजार करते रहे, लेकिन सायं 5 बजे तक एक भी मतदाता मतदान करने नहीं पहुँचा। बूथ पर सुबह से लेकर सायं तक सन्नाटा पसरा रहा। चुनावी डयूटि के समय मात्र एक बार सुबह के समय साहब पहँुचे थे और पोलिंग का जायजा लेकर वापस चले गए। इसके बाद इतनी मेहनत से चुनाव बहिष्कार के लिए खड़े हुए पारौल के लोग आखिर शाम हो गई और वोट डालना बन्द हो गया, लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं पहुँचा। लोग आस लगाए बैठे रहे कि कोई अधिकारी आएगा और गाँव की समस्या का निराकरण कराने के लिए आश्वासन दिया जाएगा, लेकिन अधिकारियों के नहीं पहुँचने से पारौल ग्रामवासियों की समस्या जस की तस बनी हुई है। गाँववासियों ने चेतावनी दी है कि यदि हमारी माँगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो गाँववासी एकजुटता से अन्न-जल त्याग कर अनशन करेगे। इस दौरान भगवत सिंह, पवन कुमार, रमेश चन्द्र, भानू अहिरवार, महेन्द्र चौधरी, दीपेन्द्र सिंह, कुन्जन सिंह, गंगाराम, महेन्द्र सिंह, रणवीर सिंह, राजीव, हरिराम, राजाराम, अमोल, लछमन, राकेश कुमार, सुनील कुमार आदि मौजूद रहे।


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