'योगी जी, ़जमीन निगल गई मेरे पति को या आसमान खा गया'
ललितपुर : पनारी गाव में मिले नरकंकाल से बरामद घड़ी और कपड़ों के आधार पर मृतक की शिनाख्त के बाद भले ही
ललितपुर : पनारी गाव में मिले नरकंकाल से बरामद घड़ी और कपड़ों के आधार पर मृतक की शिनाख्त के बाद भले ही पत्नी ने विधवा रूप धारण कर लिया हो, लेकिन पुलिस बरामद हुआ नरकंकाल जगन का मानने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है डीएनए टेस्ट रिपोर्ट को आधार बना हत्या के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है। दो वर्ष से न्याय के लिए भटक रही मृतक की पत्नी ने मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए पूछा है कि उसके पति को जमीन निगल गई या आसमान खा गया?
गौरतलब हो कि 28 सितम्बर 2015 को पनारी गाव के खेतों में नरकंकाल मिला था। ग्राम जिजयावन निवासी तारा ने मृतक से बरामद घड़ी व कपड़ों के आधार पर शिनाख्त अपने पति जगन लाल उर्फ कल्लू के रूप में की थी। उसकी गुमशुदगी कोतवाली सदर में 12 सितम्बर को दर्ज कराई जा चुकी थी। तारा ने कहा था कि दोपहर 12 बजे गाव का एक व्यक्ति उसके पति को अपने साथ ले गया था। पीड़िता ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि गाव के दबंगों ने जमीन की रजिस्ट्री न करने पर उसके पति की हत्या कर शव को खेतों में फेंक दिया। इस आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला हत्या में तरमीम कर लिया था। तभी से आरोपी पक्ष के लोग पीड़ित परिवार पर राजीनामा को लेकर दबाव बनाते रहे। पीड़ित परिवार के साथ मारपीट के कई मामले कोतवाली सदर में भी आए और एनसीआर भी लिखी गई, लेकिन पुलिस कंकाल के डीएनए रिपोर्ट न आने की बात कहकर हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ती रही। इस दौरान दो से अधिक तत्कालीन प्रभारी निरीक्षकों ने पीड़ित पक्ष के साथ ही हत्यारोपियों से पूछताछ की। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि जाच के दौरान उसने हत्याकाण्ड से सम्बन्धित गवाहों को भी पेश किया, लेकिन तत्कालीन कोतवाल उससे संतुष्ट नहीं हुए। पिछले माह मृतक के कंकाल के मिलान के दौरान 50 प्रतिशत से कम समानता पाए जाने पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षण यह कहकर हत्या के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर जाच को ठण्डे बस्ते में डाल दिया कि डीएनए टेस्ट रिपोर्ट में शिनाख्त की पुष्टि नहीं हो पाई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके पहले ही पीड़ित परिवार पुलिस की जाच पर सवालिया निशान लगाकर विवेचना बदलने की माग उच्चाधिकारियों से करते रहे, लेकिन किसी ने उस पर कार्रवाई नहीं की। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यदि खेत से बरामद कंकाल जगन का नहीं है, तो किसका है और जगन कहा चला गया? गुरूवार को पीड़ित परिवार ने झासी में आए प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ को सम्बोधित ज्ञापन उनके साथ आए अधिकारियों को देकर न्याय की गुहार लगाई है।
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रहस्य बने ये मामले
केस 1 : थाना नाराहट क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गौना निवासी राजपाल की खेत पर संदिग्ध हालातों में मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस को सूचना देकर बताया था कि राजपाल की मौत खेत पर ठण्ड लगने से हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले रहस्य उजागर हुए थे। मृतक के सिर में गम्भीर चोटे पाई गई थीं। एक चोट तो इतनी घातक थी, जिससे सिर फट गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चोटों की पुष्टि होने के बाद पुलिस यह कहकर कहानी को मोड़ देने का प्रयास करती रही कि शराब के नशे में गिरने की वजह से युवक की मौत हुई होगी। रिपोर्ट में एक से अधिक चोटों के सवाल पर जाच कराने का दावा किया गया, फिर विधानसभा चुनाव में व्यस्तता का हवाला देकर मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।
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के स 2 : महरौनी अंतर्गत ग्राम भैरा के नजदीक जामनी नदी नहर में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। शव सिर के बल पड़ा हुआ था, क्योंकि जिस स्थान पर शव पड़ा पाया गया, वहा गहरायी नहीं थी, लेकिन महरौनी पुलिस मृतक को विक्षिप्त और शराबी करार देकर नशे की हालत में नहर में गिरकर उसकी मौत होने की बात कहकर अपराध पर पर्दा डालती नजर आई। मृत्यु के कारणों का पता लगाने के लिए मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसकी रिपोर्ट ने चौंकाने वाली सच्चाई उजागर कर दी। पोस्टमॉर्टम के दौरान मृतक के गले के आसपास न सिर्फ चोटों के निशान पाए गए, बल्कि गला घोंटने से मौत की पुष्टि की गई। लेकिन पुलिस अब तक हत्यारोपियों तक पहुंचना तो दूर, मृतक की शिनाख्त भी नहीं कर पाई है।