मोटरसाइकिलों की सीधी भिड़ंत में एक की मौत
ललितपुर ब्यूरो : सड़क सुरक्षा सप्ताह के बीच नशे में धुत बाइक सवार तीन युवकों ने जाखलौन रोड पर नर्सरी
ललितपुर ब्यूरो : सड़क सुरक्षा सप्ताह के बीच नशे में धुत बाइक सवार तीन युवकों ने जाखलौन रोड पर नर्सरी के नजदीक पत्नी को बैठा कर आ रहे मोटरसाइकिल चालक को सामने से जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में मोटरसाइकिल युवक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पत्नी मामूली चुटहिल हो गई। दूसरी ओर, तीनों बाइक सवार युवक भी गिर कर घायल हो गए।
मकर संक्रान्ति के दिन थाना जाखलौन अंतर्गत ग्राम परौंदा निवासी राजपाल यादव (35) पुत्र गोविन्द सिंह अपनी पत्नी सेवा (30) को मोटरसाइकिल पर बैठा कर कोतवाली अंतर्गत ग्राम झरकौन निवासी रिश्तेदार के यहा जा रहा था। रास्ते में स्थित ग्राम जीरोन व ककरुआ के बीच स्थित नर्सरी के निकट बाइक सवार तीन युवकों ने अचानक सामने से आकर राजपाल की मोटरसाइकिल में जोरदार टक्कर मार दी। आमने - सामने की भीषण टक्कर में दोनों मोटरसाइकिल पर सवार लोग नीचे गिरकर घायल हो गए। राहगीरों ने उन्हे इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया, जहा चिकित्सकों ने राजपाल यादव को मृत घोषित कर दिया। दूसरी मोटरसाइकिल पर सवार युवकों के नाम सुनील (25) पुत्र श्रीराम, कालूराम (26) पुत्र घनश्याम निवासीगण जुगपुरा एवं मोहित उर्फ नत्था (20) निवासी मुहल्ला दावनी है, जो नशे में धुत होकर मोटरसाइकिल से रणछोर मेला देखने के लिए जाखलौन की ओर जा रहे थे। शराब के नशे में धुत होने के कारण सुनील ने जिला अस्पताल में हगामा भी काटा। घटना की जानकारी पाकर हादसे में मृत राजपाल यादव के परिजन भी अस्पताल पहुच गए थे। परिजनों के अनुसार कोतवाली अंतर्गत ग्राम झरकौन में राजपाल के साढ़ू के यहा कुछ दिन पूर्व एक महिला की मौत हो गई थी। राजपाल अपनी पत्नी को लेकर शोक संतृप्त परिवार को सात्वना देने जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही इस हादसे का शिकार बन गया। चिकित्सालय के इमजेन्सी मेडिकल ऑफीसर ने कोतवाली पुलिस को घटना का मैमो भेज दिया है।
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मृतक की पत्नी कर रही थी क्रंदन, विपक्षी गा रहा था गीत
बाइक दुर्घटना में पति की मौत के बाद महिला के करुण क्रंदन ने अस्पताल में मौजूद लोगों को ़गमगीन कर दिया, वहीं दूसरी ओर राजपाल की बाइक में टक्कर मारने के बाद गिरकर घायल हुए सुनील नशे में धुत होकर फिल्मी गीत गा रहा था। सुनील ने जिला अस्पताल के इमरजेन्सी में जमकर हगामा भी किया। इमरजेन्सी के कर्मचारी बमुश्किल उसके चेहरे पर आई चोटों पर टाके डाल सके। इस कार्य के लिए कर्मियों को उसके पैर भी बाधने पड़े। इसके बाद सुनील अपने हाथों से पट्टी को खोलकर अस्पताल से चला गया।